मणिपुर में फिर हुई हिंसा, पुलिस स्टेशनों और अदालतों पर भीड़ का हमला; कई लोग जख्मी

मणिपुर में 3 मई की शुरुआत से ही जातीय हिंसा हो रही है, जिसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इंफाल में 16 सितंबर को पांच लड़कों की गिरफ्तारी के बाद से हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं.

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भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े.
इंफाल:

मणिपुर में जातीय हिंसा (Manipur Violence)थमती नहीं दिख रही है. गुरुवार को 5 युवकों की गिरफ्तारी को लेकर भीड़ ने हिंसक प्रदर्शन किया. बिना शर्त इन युवकों की रिहाई की मांग कर रही भीड़ ने इंफाल पूर्व में पोरोम्पैट पुलिस स्टेशन (Police Station) और इंफाल पश्चिम जिले में सिंगजामेई पुलिस स्टेशन और क्वाकीथेल पुलिस चौकी पर हमले की कोशिश की. सुरक्षा बलों ने उनकी इस कोशिश को नाकाम कर दिया. इस दौरान कई लोगों के जख्मी होने की खबर है. इंफाल में 16 सितंबर को पांच लड़कों की गिरफ्तारी के बाद से हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. 

सुरक्षा बलों ने छोड़े आंसू गैस के गोले
सुरक्षा बलों ने इन लोगों ने भीड़ पर आंसू गैस के गोले छोड़े, जिसमें कई लोग घायल हो गए. अधिकारियों ने इस बारे मे जानकारी दी. पुलिस के साथ हुई झड़प की घटनाओं के बाद राज्य सरकार ने इंफाल के दोनों जिलों में कर्फ्यू में दी गई ढील रद्द कर दी है. 

इंफाल पश्चिम के जिला मजिस्ट्रेट ने इस बारे में आधिकारिक आदेश भी जारी किया है. इसमें कहा गया है कि 21 सितंबर को सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई थी, जिसे शाम 5 बजे से वापस ले लिया गया है. ऐसे में पहले से जारी सभी प्रतिबंध लागू रहेंगे. आदेश पूर्वी इंफाल में भी दिए गए हैं. 

पांच लड़कों की बिना शर्त रिहाई की मांग 
पांच लड़कों की गिरफ्तारी के विरोध में घाटी के इलाकों में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए. स्थानीय लोगों ने पांच लड़कों की बिना शर्त रिहाई की मांग करते हुए मंगलवार से घाटी में 48 घंटे का तालाबंदी लागू कर दी थी. सोमवार को अनौपचारिक हड़ताल थी. अधिकारियों ने यह भी बताया कि भीड़ को छह स्थानीय क्लबों और मीरा पैबिस ने उकसाया था. 

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बता दें कि मणिपुर पुलिस ने 16 सितंबर को अत्याधुनिक हथियार रखने और फर्जी वर्दी पहनने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने एक बयान भी जारी किया था. पुलिस ने कहा था कि पांचों को न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया था, जहां से उन्हें पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.

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मणिपुर में 3 मई की शुरुआत से ही जातीय हिंसा हो रही है, जिसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
 

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