मणिपुर: इंफाल घाटी में स्थिति शांत लेकिन तनावपूर्ण, शनिवार को कर्फ्यू में रहेगी ढील

बिष्णुपुर जिला प्रशासन ने एक अलग आदेश में कहा कि उसके अधिकार क्षेत्र में कर्फ्यू में छूट शनिवार को सुबह पांच बजे से शाम पांच बजे तक होगी. स्वास्थ्य, बिजली, मीडिया और नगर निगमों जैसी आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को कर्फ्यू के दायरे से छूट दी गई है.

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मणिपुर में मैतई आरक्षण विवाद को लेकर 3 मई से हिंसा और तनाव का माहौल है.
इंफाल:

मणिपुर की इंफाल घाटी में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के खाली पड़े पैतृक आवास पर हमले की कोशिश समेत हिंसक झड़पों के एक दिन बाद शुक्रवार को स्थिति शांत लेकिन तनावपूर्ण रही. प्राधिकारियों ने इंफाल ईस्ट और इंफाल वेस्ट जिलों में सुबह पांच बजे से रात 11 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी ताकि लोग आवश्यक सामान तथा दवाएं आदि खरीद सकें.

दिन के दौरान कोई हिंसा की सूचना नहीं मिलने पर, सरकार ने शनिवार को सुबह पांच बजे से अपराह्न दो बजे तक दोनों जिलों में कर्फ्यू हटाए जाने की घोषणा की है. प्रशासन की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया, ‘‘ सुबह पांच बजे से अपराह्न दो बजे तक आम लोगों की उनके आवासों के बाहर आवाजाही पर लगी रोक हटा दी गई है. छूट में सक्षम प्राधिकारी से अनुमोदन प्राप्त किए बिना कोई सभा/धरना विरोध/रैली आदि शामिल नहीं होगी. ''

बिष्णुपुर जिला प्रशासन ने एक अलग आदेश में कहा कि उसके अधिकार क्षेत्र में कर्फ्यू में छूट शनिवार को सुबह पांच बजे से शाम पांच बजे तक होगी. स्वास्थ्य, बिजली, मीडिया और नगर निगमों जैसी आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को कर्फ्यू के दायरे से छूट दी गई है.

इंफाल घाटी में भारी सुरक्षा व्यवस्था तथा कर्फ्यू के बावजूद भीड़ ने बृहस्पतिवार की रात को मुख्यमंत्री के खाली पड़े पैतृक आवास पर हमला करने की कोशिश की. सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के कई गोले छोड़े और इस प्रयास को नाकाम कर दिया.

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘इंफाल के हिंगांग इलाके में मुख्यमंत्री के पैतृक आवास पर बृहस्पतिवार रात को हमले की कोशिश की गयी. सुरक्षाबलों ने मुख्यमंत्री के पैतृक आवास से करीब 100-150 मीटर दूर भीड़ को रोक दिया था.''

मुख्यमंत्री राजधानी इंफाल के केंद्र में एक अलग आधिकारिक आवास में रहते हैं जिस पर सुरक्षाकर्मियों का कड़ा पहरा रहता है. सूत्रों ने बताया कि इंफाल में बृहस्पतिवार की रात को विभिन्न स्थानों पर सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में कई लोग घायल हो गए.

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सूत्रों ने बताया कि इंफाल ईस्ट के हट्टा मिनुथोंग में, मारे गए दो छात्रों के लिए न्याय की मांग करते हुए निकाली जा रही एक रैली में उस समय हिंसा भड़क गयी जब सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोक दिया. घटना में कई लोग घायल हुए और उन्हें एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.

अधिकारियों ने बताया कि बृहस्पतिवार देर रात को भीड़ ने इंफाल ईस्ट के चेकोन इलाके में एक मकान में आग लगा दी। बाद में दमकलकर्मियों ने आग पर काबू पाया. उन्होंने बताया कि इंफाल ईस्ट जिले के वांगखेई, खुरई और कोंग्बा में प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों की आवाजाही बाधित करने के लिए टायर जलाए और लोहे की छड़ों तथा पत्थरों से सड़कें अवरुद्ध कर दीं.

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एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, मणिपुर सरकार ने पिछले दो दिन में यहां सुरक्षा बलों के प्रदर्शनकारियों पर, मुख्य रूप से छात्रों पर कथित रूप से अत्यधिक बल प्रयोग की शिकायतों की जांच के लिए बृहस्पतिवार को एक समिति का गठन किया. छात्रों से शांति बनाए रखने और सामान्य स्थिति बहाल करने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग करने की अपील करते हुए पुलिस ने कहा, ‘‘कोई भी बदमाश अगर मौजूदा स्थिति का फायदा उठाते हुए पाया गया तो पुलिस उससे सख्ती से निपटेगी.''

मणिपुर पुलिस ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर लिखा, ‘‘ राज्य में मौजूदा कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा करने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक आयोजित की गई. अधिकारियों को घायल छात्रों के साथ-साथ सुरक्षाकर्मियों के बारे में बताया गया. ''

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सुरक्षा अधिकारियों ने जनता, विशेषकर छात्रों से निपटने में न्यूनतम बल का उपयोग करने पर चर्चा की. मणिपुर की राजधानी इंफाल में जुलाई से लापता एक लड़के और लड़की के शव की तस्वीरें सोमवार को सोशल मीडिया पर आने के एक दिन बाद, मंगलवार को फिर से हिंसा भड़क गयी। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का एक दल इस घटना की जांच कर रहा है.
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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