कहां खिलाएंगे खाना, किन पर 2 लाख का जुर्माना...आवारा कुत्तों पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मेनका ने समझाया

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सड़कों पर आवारा कुत्तों को खाना खिलाते पाए जाने वालों के खिलाफ संबंधित कानूनी प्रावधान के तहत कार्रवाई की जाएगी.

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  • सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को टीका लगाकर वापस छोड़ने का आदेश दिया
  • कोर्ट ने कहा कि कुत्तों को खाना खिलाने के लिए विशेष स्थान बनाए जाएंगे
  • सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है, उस पर बीजेपी नेता मेनका गांधी ने खुशी जताई
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नई दिल्ली:

दिल्ली NCR में आवारा कुत्तों के मामले पर डॉग लवर्स को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने पकड़े गए आवारा कुत्तों को टीका लगातर वापस उसी इलाके में छोड़ने का आदेश दिया है, जहां से उनको पकड़ा गया था. बता दें कि यह फैसला तीन जजों की बेंच ने फैसला सुनाया है.  बीजेपी नेता और एक्टिविस्ट मेनका गांधी ने कहा कि कोर्ट के फैसले से बड़ी राहत मिली है, पूरे देश के लिए ये आदेश आया है. साथ ही सख्ती से कहा कि जो भी कु्त्ते उठाए गए हैं उन्हें वापस छोड़ा जाएगा. साथ ही कोर्ट ने पहली दफा ये भी बोला कि लोग जानवरों को खाना खिलाते है, उनके लिए जगह बनेगी और वो चिह्नित होंगे और लोग वहीं पर कुत्तों को खाना खिलाएंगे.

2 लाख तक के जुर्माने पर क्या बोलीं मेनका

मेनका गांधी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो कहा कि अग्रेसिव कुत्तों को रखा जाए तो इस पर कोई डिसीपिलीन नहीं है कि अग्रेसिव क्या होता है. आगे हम कोशिश करेंगे कि फैसला आ जाए कि अग्रेसिव क्या है. कानून ये है कि एक कमेटी बैठती है और वो फैसला करती है कि अग्रेसिव क्या होता है. जैसे कि कभी-कभी आप कुत्ते पर गिर जाए और कुत्ते ने आपको काट लिया, जबकि इससे पहले उसने किसी को नहीं काटा तो क्या वो वाकई अग्रेसिव होगा. इस पर आगे फैसला होगा और यही देखना होगा. लेकिन सुप्रीम कोर्ट से जो फैसला आया है, उससे हम बहुत खुश है. कोर्ट ने कहा कि सारे केस सुप्रीम कोर्ट में आएंगे. जो अपने आपको कोर्ट में इम्पलीट करते हैं, उनको 25 हजार से दो लाख देना होगा. अगर कोई इंडिवजुअल है तो 2 लाख और संस्था को 25 हजार देना होगा.

क्या है एबीसी नियम

मेनका गांधी ने कहा कि कुत्तों के मामले पर एक नेशनल पॉलिसी बन चुकी है और समय के साथ उसे और बेहतर बनाया गया है. संसद में भी मंत्री ने पॉलिसी का ही जिक्र किया था. अब देखते हैं कि 8 हफ्ते में इसमें क्या कुछ जोड़ा जाता है. एबीसी के बारे में बताते हुए मेनका ने कहा कि ये दरअसल स्टरलाइजेशन होता है. केवल आप उन कुत्तों को उठा सकते हैं, जिन अनस्टरलाइज है, जो भी सेंटर है उनको बढ़िया बनाना होगा क्योंकि वो बहुत ही गंदे है. उनमें जब कुत्ते को स्टरलाइज किया जाता है तो उसे उसकी पुरानी जगह पर वापस छोड़ना है बजया इसके की उसके कहीं और छोड़ दिया जाए.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कुछ कहा

दिल्ली NCR में आवारा कुत्तों के मामले पर डॉग लवर्स की बड़ी जीत हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने पकड़े गए आवारा कुत्तों को टीका लगातर वापस उसी इलाके में छोड़ने का (Supreme Court On Stray Dogs) आदेश दिया है, जहां से उनको पकड़ा गया था. बता दें कि यह फैसला तीन जजों की बेंच ने फैसला सुनाया है. जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने डॉग लवर्स के हित में यह फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को शेल्टर होम भेजने वाले अपने ही आदेश में संशोधन किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कुछ बातों को सख्ती से लागू करने का आदेश भी दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सार्वजनिक स्थानों पर आवारा कुत्तों को खाना खिलाना प्रतिबंधित है. ऐसा करने वाले व्यक्ति के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी. कुत्तों को सार्वजनिक रूप से भोजन कराने की अनुमति नहीं है. आवारा कुत्तों के लिए अलग से भोजन स्थान बनाए जाएंगे.

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