पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का ममता बनर्जी का फैसला हताशा का संकेत: BJP

मालवीय ने कहा, ‘‘विपक्षी गठबंधन का चेहरा बनने की उनकी इच्छा के विपरीत, किसी ने कभी उनके नाम का प्रस्ताव नहीं किया. राष्ट्रीय छवि बनाने के लिए दिल्ली की कई यात्राएं करने के बावजूद कोई फायदा नहीं हुआ. वह चुनाव-पश्चात हिंसा के दाग और तुष्टीकरण की राजनीति की दुर्गंध को दूर नहीं कर सकीं.’’

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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला उनकी ‘हताशा' का संकेत और विपक्षी दलों के गठबंधन 'इंडिया' के लिए 'मौत की घंटी' है. ममता बनर्जी ने ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (इंडिया) गठबंधन को एक बड़ा झटका देते हुए आज घोषणा की कि उनकी पार्टी ने पश्चिम बंगाल में आगामी लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है.

इस घटनाक्रम पर पश्चिम बंगाल के लिए भाजपा के सह-प्रभारी और पार्टी के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, “पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का ममता बनर्जी का फैसला हताशा का संकेत है. अपनी राजनीतिक जमीन बचाने में असमर्थ होने के कारण वह सभी सीट पर चुनाव लड़ना चाहती है ताकि चुनाव के बाद भी उनकी प्रासंगिकता बनी रहे.''

मालवीय ने कहा, ‘‘विपक्षी गठबंधन का चेहरा बनने की उनकी इच्छा के विपरीत, किसी ने कभी उनके नाम का प्रस्ताव नहीं किया. राष्ट्रीय छवि बनाने के लिए दिल्ली की कई यात्राएं करने के बावजूद कोई फायदा नहीं हुआ. वह चुनाव-पश्चात हिंसा के दाग और तुष्टीकरण की राजनीति की दुर्गंध को दूर नहीं कर सकीं.''

उन्होंने कहा, ‘‘शर्मसार ममता ने अपना चेहरा बचाने के लिए मल्लिकार्जुन खरगे के नाम का प्रस्ताव किया और खुद को इस प्रक्रिया से बाहर कर लिया. उन्हें एहसास हुआ कि उनके इस प्रयास के बावजूद, विपक्षी खेमे में उनकी कोई लोकप्रियता नहीं है और वह लंबे समय से बाहर निकलने के लिए जमीन तैयार कर रही थीं.''

उन्होंने कहा, ‘‘...लेकिन तथ्य यह है कि राहुल गांधी के सर्कस के बंगाल पहुंचने से ठीक पहले उनके अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा ‘इंडी' गठबंधन के लिए मौत की घंटी है.''

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि यह एक 'कागजी गठबंधन' है और मतता बनर्जी के बयान से स्पष्ट हो गया है कि गठबंधन के एजेंडे में कोई स्पष्टता नहीं है और न ही कोई नेतृत्व है. एक अन्य भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने तृणमूल और ‘इंडिया' गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा, “इससे पहले कि राजनीतिक विवाह हो पाता, तलाक हो गया, ममता दीदी ने बंगाल में कोई गठबंधन नहीं करने की घोषणा कर दी.''

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भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने ‘इंडिया' को 'सांप और नेवले का अप्राकृतिक गठबंधन' करार दिया और कहा कि इसके घटक दल विभिन्न राज्यों में एक-दूसरे से लड़ रहे हैं. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि केरल में वामपंथी और कांग्रेस आपस लड़ रहे हैं वहीं पंजाब और दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस लड़ रही हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे 'अप्राकृतिक' गठबंधन की 'प्राकृतिक' मौत तय है.

इससे पहले, ममता बनर्जी ने घोषणा की कि उनकी पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव राज्य में अकेले लड़ने का फैसला किया है. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उन्हें (कांग्रेस) सीटों के बंटवारे पर एक प्रस्ताव दिया था लेकिन उन्होंने शुरू में ही इसे नकार दिया. हमारी पार्टी ने अब बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है.''

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इस बीच कांग्रेस ने कहा कि ममता बनर्जी के बिना कोई भी विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' के अस्तित्व की कल्पना नहीं कर सकता. पार्टी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के दौरान असम के उत्तरी सलमारा में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा कि ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस विपक्षी गठबंधन का एक 'महत्वपूर्ण स्तंभ' है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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