सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने पश्चिम बंगाल के संदेशखालि में हिंसा की ‘रिपोर्टिंग' कर रहे एक टेलीविजन पत्रकार को पुलिस द्वारा उठा ले जाए जाने के बाद, राज्य की ममता बनर्जी नीत सरकार की सोमवार को निंदा की. ठाकुर ने कहा, "महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने वाले गुंडों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय, पश्चिम बंगाल सरकार मीडिया पर अंकुश लगा रही है और प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म करने की कोशिश कर रही है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है."
टेलीविजन चैनल 'रिपब्लिक बांग्ला' के एक संवाददाता को बंगाल पुलिस उस समय उठा ले गई जब वह संदेशखालि में घटनाक्रमों पर रिपोर्टिंग कर रहे थे. ठाकुर ने कहा कि एक महिला मुख्यमंत्री द्वारा शासित राज्य, संदेशखालि में महिलाओं की तकलीफों पर आंखें मूंद रहा है. उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि में, बड़ी संख्या में महिलाओं द्वारा तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाए जाने से इलाके में तनाव व्याप्त है.
इस बीच, बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने राजनीतिक दलों और विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों से एक साथ आने और पीड़ित महिलाओं के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए संदेशखालि में 'शांति यात्रा' निकालने की अपील की. उन्होंने कहा, "मैं कानून का पालन करने वाले नागरिकों, नागरिक संस्थाओं के नेताओं और सभी राजनीतिक दलों से अपील करता हूं कि वे संदेशखालि में 'शांति यात्रा' में एकजुट हों. वहां की उन सड़कों पर जाएं जहां अविश्वास, संदेह और अराजकता देखी जा रही है और उनके साथ खड़े हों."
बोस ने राजभवन से जारी एक संदेश में कहा, "संदेशखालि की मेरी पीड़ित बहनों को मैं आश्वस्त करता हूं कि हम सब आपके साथ हैं. आपको डरने की जरूरत नहीं है. समाज में आपका उचित स्थान सुरक्षित रहेगा." इस बीच, राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने संदेशखालि से लौटने के बाद बोस से मुलाकात की. एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष ने कहा कि वह मंगलवार को पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार से भी मुलाकात करेंगी.