मालेगांव विस्फोट मामला : कोर्ट ने प्रज्ञा ठाकुर के स्वास्थ्य पर मांगी रिपोर्ट

प्रज्ञा सिंह ठाकुर के अदालत में पेश होने के बाद 22 मार्च को वारंट रद्द कर दिया गया था. लेकिन उसके बाद वह पेश नहीं हुईं. अदालत ने 28 मार्च को उन्हें छूट देते हुए ठाकुर को तीन अप्रैल को पेश होने का निर्देश दिया था और चेतावनी दी थी कि ऐसा न होने पर उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया जाएगा.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
मुंबई:

एक विशेष अदालत ने बुधवार को यहां कहा कि सितंबर 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले की सुनवाई में भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर की अनुपस्थिति से कार्यवाही बाधित हो रही है और एनआईए से उनके स्वास्थ्य पर एक रिपोर्ट पेश करने को कहा. मामले की मुख्य आरोपी भोपाल से सांसद ने स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देते हुए पेशी से एक बार फिर छूट मांगी थी, जिसके बाद अदालत ने यह आदेश पारित किया.

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) मामलों के विशेष न्यायाधीश ए.के.लाहोटी ने केंद्रीय एजेंसी से उनकी स्वास्थ्य स्थिति की पुष्टि करने और आठ अप्रैल तक एक रिपोर्ट सौंपने को कहा. अदालत ने विशेष रूप से निर्देश दिए जाने के बावजूद कार्यवाही में शामिल नहीं होने पर भोपाल की सांसद के खिलाफ 11 मार्च को जमानती वारंट जारी किया था.

ठाकुर के अदालत में पेश होने के बाद 22 मार्च को वारंट रद्द कर दिया गया था. लेकिन उसके बाद वह पेश नहीं हुईं. अदालत ने 28 मार्च को उन्हें छूट देते हुए ठाकुर को तीन अप्रैल को पेश होने का निर्देश दिया था और चेतावनी दी थी कि ऐसा न होने पर उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया जाएगा.

बुधवार को, उनके वकील ने यह दावा करते हुए फिर से छूट की मांग की कि उनकी (ठाकुर की) बीमारियों की प्रकृति गंभीर है. आवेदन में कहा गया है कि उनकी शारीरिक स्थिति उनके नियंत्रण में नहीं है और वह डॉक्टरों की सलाह पर भोपाल में अपने घर पर इलाज करा रही हैं.

इसमें कहा गया है कि एक डॉक्टर ने उनकी जांच करने के बाद उन्हें आराम करने की सलाह दी और आवेदन के साथ एक प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया है.

एनआईए ने हालांकि, अदालत को बताया कि चूंकि ठाकुर मुंबई में नहीं थीं, इसलिए वह उनके दावों की पुष्टि नहीं की जा सकी. न्यायाधीश ने कहा कि बयान को दर्ज करने के लिए आरोपी की उपस्थिति आवश्यक थी और उसकी अनुपस्थिति अदालती कार्यवाही में बाधा डाल रही है.

Advertisement

उत्तर महाराष्ट्र में मुंबई से लगभग 200 किमी दूर सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील शहर मालेगांव में 29 सितंबर, 2008 को एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल में बंधे विस्फोटक उपकरण में विस्फोट होने से छह लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हो गए थे.

एनआईए को स्थानांतरित किए जाने से पहले इस मामले की शुरुआत में महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) द्वारा जांच की गई थी.

Advertisement
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Madhya Pradesh: चलती बस में लगी आग, यात्रियों ने ऐसी बचाई जान...
Topics mentioned in this article