तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने कहा है कि राजनीतिक दलों की एकता को तोड़ने के लिए केंद्र प्रवर्तन निदेशालय (ED) जैसी एजेंसियों का उपयोग कर रहा है. टीएमसी के इन दावों का खंडन करते हुए बीजेपी सांसद दिलीप घोष (Dilip Ghosh) ने मंगलवार को कहा कि किसी भी पार्टी को गठित करना या तोड़ना एजेंसियों का काम नहीं है. घोष ने एएनआई से कहा कि, "किसी भी पार्टी को बनाना या तोड़ना एजेंसियों का काम नहीं है, बल्कि घोटालों का पर्दाफाश करना है. एजेंसियों ने सही साधनों का उपयोग किया और वह सही जगहों पर पहुंची है. यही कारण है कि इतनी बड़ी संख्या में नोटों के बंडल बरामद किए जा रहे हैं.“
उन्होंने कहा कि, "जो लोग झूठ बोल रहे हैं और अब इसे छिपाने की कोशिश कर रहे हैं, जनता क्या कहेगी? क्या आपने इसके लिए उनका वोट हासिल किए? आप 21 (पश्चिम बंगाल चुनाव 2021) में जीत पाकर 21 करोड़ रुपये लूट सकते हैं, आपको यह अधिकार किसने दिया?"
बीजेपी सांसद की यह टिप्पणी पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड भर्ती घोटाले के सिलसिले में टीएमसी के मंत्री पार्थ चटर्जी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के कुछ दिनों बाद आई है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के परिसर से करोड़ों की नकदी जब्त की है.
ईडी ने पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद से उनकी कई आय से अधिक संपत्ति का खुलासा किया. इस संपत्ति में पश्चिम बंगाल की डायमंड सिटी में उनके तीन फ्लैट भी शामिल हैं.
पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के कोलकाता में स्थित आवास से 21 करोड़ रुपये नकद और एक करोड़ रुपये से अधिक की ज्वेलरी बरामद की गई है.
पश्चिम बंगाल में कथित शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में ईडी ने अर्पिता मुखर्जी के घर पर छापा मारा था. जांच एजेंसी ने उनके पास से बरामद राशि को लेकर एक बयान में कहा, "यह राशि कथित एसएससी घोटाले के जरिए हासिल किए जाने का संदेह है."
सर्च टीम काउंटिंग मशीनों के जरिए नोटों की गिनती कर रही है. इसके लिए बैंक अधिकारियों की मदद ली जा रही है. छापेमारी के दौरान ली गई घर की तस्वीरों में 2000 और 500 रुपये के नोट दिखाई दिए हैं.
पार्थ चटर्जी, जो कि वर्तमान में उद्योग और वाणिज्य मंत्री हैं, ने शिक्षा मंत्री के कार्यकाल के दौरान पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) से सहायता प्राप्त सरकारी और स्कूलों में कथित रूप से अवैध नियुक्तियां की थीं.
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने इन छापों को केंद्र की बीजेपी सरकार द्वारा अपने राजनीतिक विरोधियों को "परेशान" करने की एक "चाल" बताया है.
पार्थ चटर्जी के पास कोई भी लिस्ट और पैसा भेज देता था तो नौकरी मिल जाती थी: दिलीप घोष