‘मेक इन इंडिया 2.0’ के तहत 27 क्षेत्रों पर ध्यान किया जा रहा केंद्रित: वाणिज्य मंत्रालय

Make in India 2.0: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने कहा, ‘‘ डीपीआईआईटी अब 24 उप-क्षेत्रों के साथ मिलकर काम कर रहा है. भारतीय उद्योगों की ताकत तथा प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त, आयात प्रतिस्थापन की आवश्यकता, निर्यात की संभावना और बढ़ी हुई रोजगार क्षमता को ध्यान में रखते हुए इनका चयन किया गया है.’’

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नई दिल्ली:

उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने, निर्यात को बढ़ावा देने और आयात को कम करने के लिए फर्नीचर, एल्यूमीनियम, कृषि रसायन और कपड़ा सहित 24 उप-क्षेत्रों के साथ काम कर रहा है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि ‘मेक इन इंडिया' पहल ने शुरू होने के बाद कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं और अब ‘मेक इन इंडिया 2.0' के तहत 27 क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है.

डीपीआईआईटी 15 विनिर्माण क्षेत्रों के लिए कार्य योजनाओं का समन्वय कर रहा है. वाणिज्य विभाग 12 सेवा क्षेत्रों के लिए समन्वय कर रहा है.

मंत्रालय ने कहा, ‘‘ डीपीआईआईटी अब 24 उप-क्षेत्रों के साथ मिलकर काम कर रहा है. भारतीय उद्योगों की ताकत तथा प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त, आयात प्रतिस्थापन की आवश्यकता, निर्यात की संभावना और बढ़ी हुई रोजगार क्षमता को ध्यान में रखते हुए इनका चयन किया गया है.''

बयान के अनुसार, फर्नीचर, एयर कंडीशनर, चमड़ा तथा जूते, खाने के लिए तैयार खाद्य पदार्थ, मछली पालन, कृषि उत्पाद, वाहन घटक, एल्यूमीनियम, इलेक्ट्रॉनिक, कृषि रसायन, इस्पात, कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक वाहन घटक तथा एकीकृत सर्किट, इथेनॉल, चीनी मिट्टी की चीजें, सेट टॉप बॉक्स, रोबोटिक्स, टेलीविजन, क्लोज सर्किट कैमरे, खिलौने, ड्रोन, चिकित्सकीय उपकरण, खेल के सामान, जिम का समान ये उप-क्षेत्र हैं. मंत्रालय ने कहा, ‘‘ समग्र और समन्वित तरीके से उप-क्षेत्रों की वृद्धि को बढ़ावा देने के प्रयास जारी हैं.'' 

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