पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने शुक्रवार को महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) को लोकसभा से निष्कासित किए जाने की निंदा की है. साथ ही बनर्जी ने इसे भाजपा की "बदले की राजनीति" करार दिया है. उन्होंने कहा कि महुआ यह लड़ाई जीतेंगी. 49 साल की महुआ मोइत्रा को एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के बाद आज लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया. रिपोर्ट में मोइत्रा को सरकार की आलोचना करने के बदले रिश्वत लेने का दोषी ठहराया गया था. तृणमूल नेता पर संसद में सवाल उठाने के बदले में व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से नकदी और महंगे गिफ्ट लेने का आरोप है.
मुख्यमंत्री बनर्जी ने आज कहा, "यह भाजपा की बदले की राजनीति है. उन्होंने लोकतंत्र की हत्या कर दी. यह अन्याय है. महुआ लड़ाई जीतेंगी. लोग भाजपा को करारा जवाब देंगे. उनकी अगले चुनाव में हार होगी."
उन्होंने कहा, "यह संसदीय लोकतंत्र के लिए शर्म की बात है. जिस तरह महुआ मोइत्रा को निष्कासित किया गया है, हम उसकी निंदा करते हैं, पार्टी उनके साथ खड़ी है. वे (भाजपा) हमें चुनाव में नहीं हरा सकते, इसलिए उन्होंने बदले की राजनीति का सहारा लिया है. यह दुखद दिन और भारतीय संसदीय लोकतंत्र के साथ विश्वासघात है."
मुख्यमंत्री बनर्जी ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल ने मोइत्रा को आरोपों के खिलाफ खुद का बचाव करने का अवसर नहीं दिया. उन्होंने कहा, "वह (मोइत्रा) बड़े जनादेश के साथ संसद में लौटेंगी. भाजपा सोचती है कि पार्टी जो चाहे कर सकती है क्योंकि उनके पास प्रचंड बहुमत है. उन्हें यह बात याद रखनी चाहिए कि एक दिन ऐसा आ सकता है जब वे सत्ता में नहीं रहेंगे."
महुआ मोइत्रा और विपक्षी सदस्यों की ओर से बोलने की मांग के बावजूद उन्हें मतदान से पूर्व अपना बचाव करने का अवसर नहीं दिया गया.
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने "अनैतिक आचरण" के आधार पर उनके निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया, जिसे बाद प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया.
ये भी पढ़ें :
* "मुझे झुकाने के लिए हर नियम तोड़ दिया..." : कैश फॉर क्वेरी केस में सांसदी जाने पर महुआ मोइत्रा
* "गंभीर गलत हरकतें..." : जानें, महुआ मोइत्रा के खिलाफ क्या है एथिक्स पैनल की रिपोर्ट में
* महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द, लोकसभा से ध्वनिमत से पारित हुआ प्रस्ताव