आज महाशिवरात्रि, काशी के मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु, हरिद्वार कुंभ में पहला शाही स्नान

हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन महीने के  कृष्णपक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि मनाया जाता है. इस वर्ष महाशिवरात्रि पर विशेष योग बन रहा है. इस दिन शिव योग के साथ-साथ सिद्ध योग भी बन रहा है. इस बार महाशिवरात्रि पर त्रयोदशी और चतुर्दशी तिथियां पड़ रही हैं.

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हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन महीने के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि मनाया जाता है.
वाराणसी:

आज महाशिवरात्रि (Mahashivratri) है. देश के सभी शिवालयों और मंदिरों को विशेष रूप से सजाया गया है. वहां श्रद्धालु बाबा भोले को जल चढ़ा रहे हैं और श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना कर रहे हैं. शिव की नगरी काशी में इस मौके पर विशेष उत्साह देखते बन रहा है. यहां सुबह से ही काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं. हर तरफ बोल बम के नारे गूंज रहे हैं. 

महाशिवरात्रि पर श्रद्धालु सुबह जल चढ़ाकर और भगवान शिव की पूजा अर्चना कर दिनभर व्रत रहते हैं. शाम को भव्य शिव बारात निकाली जाती है, जिसकी छटा देखते ही बनती है. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि भगवान शिव को महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक करने से भक्तों पर उनकी कृपा बरसेगी और सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.

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हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन महीने के  कृष्णपक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि मनाया जाता है. इस वर्ष महाशिवरात्रि पर विशेष योग बन रहा है. इस दिन शिव योग के साथ-साथ सिद्ध योग भी बन रहा है. इस बार महाशिवरात्रि पर त्रयोदशी और चतुर्दशी तिथियां पड़ रही हैं. इस लिए जलाभिषेक का महत्त्व और भी बढ़ गया है. 

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उधर, हरिद्वार के कुंभ मेला 2021 (Kumbh Mela 2021) का पहला शाही स्नान  महाशिवरात्रि के मौके पर हो रहा है. शाही स्नान का मतलब होता है कि इस दिन साधुओं के अखाड़े स्नान करते हैं. अखाड़ों के साधु सुबह 9:00 बजे से अपने शिविरों से निकलना शुरू करेंगे और 11 बजे के करीब स्नान शुरू होगा. अखाड़ों का स्नान हर की पौड़ी पर ब्रह्म कुंड में होगा क्योंकि मान्यता है कि अमृत की बूंदें यहीं छलकी थीं. ध्यान रखने वाली बात यह है कि गुरुवार को महाशिवरात्रि के मौके पर आम लोग हर की पौड़ी पर स्नान नहीं कर सकेंगे.

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