मालेगांव ब्लास्ट केस: सांसद प्रज्ञा ठाकुर समेत 7 आरोपी NIA कोर्ट में पेश, हो रहे बयान दर्ज

कोर्ट ने कहा है कि मालेगांव बम धमाका केस एक लंबा मुकदमा है और इसमें 323 गवाहों के बड़े-बड़े बयान हैं. कई मौकों पर सभी आरोपी मुकदमे के दौरान उपस्थित नहीं थे, इसलिए इससे मामले पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़े इसलिए आरोपियों को मौखिक बयान से कुछ समय पहले प्रश्नावली देखने की अनुमति दी जाती है.

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सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर

2008 में हुए मालेगांव बम धमाका केस की सुनवाई आज मुंबई के स्पेशल NIA कोर्ट में चल रही है. सुनवाई के लिए सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, अजय राहीरकर, समीर कुलकर्णी, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और रिटायर मेजर रमेश उपाध्याय समेत सभी सात आरोपी कोर्ट में पहुंचे हैं. कुल सात में से 6 आरोपियों ने अर्जी दाखिल की है. कोर्ट ने कहा है कि यह एक लंबा मुकदमा है और इसमें 323 गवाहों के बड़े-बड़े बयान हैं. कई मौकों पर सभी आरोपी मुकदमे के दौरान उपस्थित नहीं थे, इसलिए इससे मामले पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़े इसलिएआरोपियों को मौखिक बयान से कुछ समय पहले प्रश्नावली देखने की अनुमति दी जाती है.

सीआरपीसी 313 और संशोधित धारा 313(5) इसे अदालत के विवेक पर छोड़ती है कि वह आरोपी को प्रश्नावली देखने की अनुमति दे.  इसलिए उन्होंने आवेदन की अनुमति दे दी. अदालत ने पहले ग्रुप से पूछा कि आप सभी जानते हैं कि कुल 323 लोगों की गवाही हुई है? सभी ने हां में जवाब दिया.सीआरपीसी 313 के तहत आरोपियों के बयान शुरू हो गए हैं.

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