अजित पवार पर ED का शिकंजा? महाराष्ट्र में सहकारी चीनी मिल की संपत्त‍ि जब्त

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महाराष्ट्र में सतारा के जरंदेश्वर सहकारी चीनी कारखाने (जरंदेश्वर एसएसके) की संपत्ति को जब्त कर लिया है. ED के मुताबिक महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) के खिलाफ PMLA ले तहत दायर मामले में चीनी मिल के खिलाफ कार्रवाई की गई है. मामले में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की भूमिका संदेहास्पद है.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार (फाइल फोटो)
मुंबई:

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महाराष्ट्र में सतारा के जरंदेश्वर सहकारी चीनी कारखाने (जरंदेश्वर एसएसके) की संपत्ति को जब्त कर लिया है. ED के मुताबिक महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) के खिलाफ PMLA ले तहत दायर मामले में चीनी मिल के खिलाफ कार्रवाई की गई है. मामले में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की भूमिका संदेहास्पद है.

ED के मुताबिक जांच में पता चला है कि एमएससीबी ने साल 2010 में जरंदेश्वर एसएसके की नीलामी कम कीमत पर और उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना की थी. उस समय अजित पवार MSCB के निदेशक मंडल के प्रमुख और प्रभावशाली सदस्यों में से एक थे. एसएसके को मेसर्स गुरु कमोडिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा खरीदा गया था. बाद में उसे मेसर्स जरंदेश्वर शुगर मिल्स प्राइवेट लिमिटेड को पट्टे पर दिया गया था.

जांच में पता चला कि मेसर्स स्पार्कलिंग सॉयल प्राइवेट लिमिटेड के पास जरंदेश्वर शुगर मिल के ज़्यादातर शेयर हैं और स्पार्कलिंग सॉयल प्राइवेट लिमिटेड में अजित पवार और उनकी पत्नी का स्टेक है. जांच में आगे पता चला है कि मैसर्स गुरु कमोडिटी सर्विसेज प्रा लिमिटेड एक डमी कंपनी है जिसका उपयोग सहकारी चीनी मिल के अधिग्रहण के लिए किया गया था.

Featured Video Of The Day
Sharad Pawar Retirement: संन्यास का इशारा या इमोशनल कार्ड, शरद पवार का यह कौन सा दांव?