प्याज निर्यात पर रोक को लेकर महाराष्ट्र की सियासत गर्मायी, शरद पवार आंदोलन में कूदे तो शिंदे बोले- 'केंद्र से बात करेंगे'

प्याज की निर्यात बंदी का मुद्दा महाराष्ट्र विधानसभा में भी गूंजा. प्याज के एक्सपोर्ट पर लगी रोक को फौरन हटाने की मांग करते हुए विपक्ष ने जमकर नारेबाजी की.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
प्याज निर्यात पर रोक को लेकर महाराष्ट्र की सियासत गर्मायी

प्याज़ के एक्सपोर्ट (Onion Export) पर 31 मार्च तक रोक के केंद्र सरकार फैसले से महाराष्ट्र में सियासत गर्मा गई है. एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को नासिक में किसानों के साथ रास्ता रोको आंदोलन कर केंद्र सरकार पर हमला किया. शरद पवार ने कहा कि बिना आंदोलन दिल्ली की नींद नहीं खुलती. केंद्र सरकार का प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला तत्काल वापस लिया जाना चाहिए. सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि केंद्र से बात कर जल्द प्याज के मुद्दे हल निकाला जाएगा.  

किसानों के साथ रास्ता रोको आंदोलन में शामिल हुए शरद पवार
प्याज के एक्सपोर्ट पर रोक लगाने के खिलाफ शरद पवार किसानों के साथ रास्ता रोको प्रदर्शन में शामिल हुए. केंद्र सरकार ने प्याज़ के निर्यात पर 31 मार्च तक रोक लगाई है, जिससे किसान गुस्से में हैं. सरकार के फैसले से प्याज व्यापारियों को हो रहे नुकसान का असर किसानों को झेलना पड़ रहा है.  कीमतें क़रीब 40% घट गई हैं. शरद पवार ने कहा कि प्याज उत्पादक किसानों की आवाज़ दिल्ली तक पहुंचने के लिए उन्हें सड़क पर उतरना पड़ा है.

प्याज निर्यात बंदी का मुद्दा महाराष्ट्र विधानसभा में भी गूंजा
प्याज की निर्यात बंदी का मुद्दा महाराष्ट्र विधानसभा में भी गूंजा. प्याज के एक्सपोर्ट पर लगी रोक को फौरन हटाने की मांग करते हुए विपक्ष ने जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

Advertisement

ये सरकार किसान विरोधी : एनसीपी विधायक अनिल देशमुख
एनसीपी विधायक अनिल देशमुख ने कहा कि ये सरकार किसान विरोधी है. प्याज, कपास उत्पादक किसानों की तरफ सरकार बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही.वहीं  शिवसेना UBT विधायक भास्कर जाधव ने कहा कि किसानों को परेशान करने का काम केंद्र सरकार का रहा है, कुछ महीनों पहले भी ऐसा कदम उठाया गया था.

Advertisement

निर्यात पर रोक से 40 प्रतिशत घटी कीमतें 

बता दें कि निर्यात पर रोक से पहले तक 25-45 रुपये किलो भाव किसानों को मिल रहा था, जो इस ऐलान के बाद घटकर 15-30 रुपये हो गया है. किसान कहते हैं कि चार महीने पहले लगी 40% एक्सपोर्ट ड्यूटी से प्याज़ का भाव कम हुआ और अब एक्सपोर्ट पर रोक से और क़रीब 40% क़ीमतें घट गई हैं. 

Advertisement

जानें क्या कहते हैं आंकड़े

  • पिछले दो साल से प्याज का उत्पादन महाराष्ट्र में घटा है
  • साल 21-22 में 136 लाख हेक्टर प्याज का उत्पादन हुआ था
  • जो 22-23 में 120 लाख हेक्टर ही रहा
  • अभी तक ताजा अकड़ो के मुताबिक- मौजूदा वर्ष 23-24 में केवल 58 लाख हेक्टर पर ही उत्पादन हुआ है.

केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर रोक लगाने के पीछे बताई ये वजह
केंद्र सरकार का मानना है कि घरेलू उत्पादन बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए प्याज के निर्यात पर रोक लगाई गई है, हालांकि किसानों की नाराजगी को देखते हुए सीएम शिंदे ने आश्वासन देते हुए कहा है कि वह जल्द ही केंद्र सरकार से इस मसले पर बात करेंगे. किसानों के हितों का ध्यान रखा जाएगा. केंद्र सरकार अब इस जुगत में लगी है कि सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे यानी ग्राहकों को महंगाई की मार से राहत मिले और किसानों को भी नुकसान भी ना उठाना पड़े।. देखना होगा कि सरकार का बीच का रास्ता क्या होता है.
 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Artificial Intelligence: LLM Student ने AI की मदद से बनाया Assignment, University ने किया Fail
Topics mentioned in this article