महाराष्ट्र के सांगली जिले में मंगलवार को बच्चा चोर होने के शक में भीड़ ने चार साधुओं पर हमला कर दिया, जिसका वीडियो वायरल हो गया है. घटना जिले के लवाना गांव की है. लाठियों से लैस भीड़ ने कई लोगों की मौजूदगी में एक किराने की दुकान के बाहर साधुओं की पिटाई करते देखा गया. इस मामले में छह लोगों को अरेस्ट किया गया है. सांगली के पुलिस अधीक्षक दीक्षित गेदाम ने कहा कि इस घटना को लेकर पुलिस मौके पर पहुंची और साधुओं को अस्पताल ले गई. लेकिन उन्हें मंदिर जाना था, इसलिए उन्होंने शिकायत दर्ज नहीं की. पुलिस ने घटना का स्वत: संज्ञान लिया और पिटाई और दंगे का मामला दर्ज किया. छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है बाकियों की तलाश जारी है.
भाजपा विधायक राम कदम ने एक वीडियो संदेश में कहा कि हम सांगली में संतों के साथ किए गए दुर्व्यवहार की कड़ी निंदा और आलोचना करते हैं. हम साधुओं के साथ ऐसा दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं करेंगे. आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने 2020 की घटना का जिक्र करते हुए कहा, "पालघर में साधुओं की हत्या के मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सरकार ने उनके साथ अन्याय किया, लेकिन महाराष्ट्र की वर्तमान सरकार किसी साधु के साथ अन्याय नहीं होने देगी."
भाषा में छपी खबर के मुताबिक- घटना जाट तहसील के लवंगा गांव में उस समय हुई, जब उत्तर प्रदेश के रहने वाले चार लोग एक कार में कर्नाटक के बीजापुर से पंढरपुर शहर की ओर जा रहे थे. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ये लोग सोमवार को गांव के एक मंदिर में रुके थे और मंगलवार को यात्रा शुरू करते समय उन्होंने एक लड़के से रास्ता पूछा, जिससे कुछ स्थानीय लोगों को संदेह हुआ कि वे बच्चों का अपहरण करने वाले आपराधिक गिरोह का हिस्सा हैं. अधिकारी के मुताबिक, “दोनों पक्षों के बीच कहासुनी हुई, जो देखते ही देखते बढ़ गई और स्थानीय लोगों ने साधुओं को कथित तौर पर लाठियों से पीट दिया.” अधिकारी ने कहा कि पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और पाया कि साधु उत्तर प्रदेश के एक अखाड़े के सदस्य हैं.