महाराष्ट्र के डिप्टी CM अजित पवार से कथित तौर पर जुड़ी 1,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा की संपत्ति सीज़

केंद्रीय एजेंसियों ने अपना शिकंजा महाराष्ट्र के मंत्रियों पर कसती जा रहा है. पहले पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की गिरफ्तारी और अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 1000 करोड़ से अधिक की संपत्तियों को सीज किया है.

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अनिल देशमुख की गिरफ्तारी के बाद अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने लिया ये एक्शन

मुंबई:

महाराष्ट्र में पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh)  की गिरफ्तारी के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 1000 करोड़ की संपत्ति सीज की है. इन संपत्तियों के लिंक कथित तौर पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार से जुड़े हैं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पांच संपत्तियों को सीज किया है, जिनकी कीमत एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा है.इससे पूर्व महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख  को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई में उनके कार्यालय में 12 घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था.

ये हैं वो पांच संपत्तियां

1.जरंदेश्वर शुगर फैक्ट्री

मार्केट वैल्यू -600 करोड़

2.साउथ दिल्ली स्थित फ्लैट
मार्केट वैल्यू- 20 करोड़

3.पार्थ पावर का निर्मल ऑफिस
मार्केट वैल्यू - करीब 25 करोड़ रुपये

4.निलय नाम से गोवा में बना रिसॉर्ट

मार्केट वैल्यू - करीब 250 करोड़ रुपये


5.महाराष्ट्र की 27 अलग अलग जगहों पर जमीन 
मार्केट वैल्यू करीब 500 करोड़ रुपये

बता दें कि अनिल देशमुख ने इस साल की शुरुआत में अपने खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों को लेकर विवाद के बीच अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उनको शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया था. उन्होंने जांच एजेंसी के सम्मन को रद्द करने की अपील की थी. सोमवार को जारी किए गए एक वीडियो बयान में 71 वर्षीय एनसीपी नेता देशमुख ने कहा था कि "मेरे खिलाफ सभी आरोप झूठे हैं."

पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख से धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को देर रात तक पूछताछ की. देशमुख अपने वकील के साथ सुबह करीब 11 बजकर 40 मिनट पर दक्षिण मुंबई के बलार्ड एस्टेट इलाके में स्थित ईडी के कार्यालय में आए थे. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता काफी रात बीतने तक ईडी के कार्यालय में थे.

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अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने महाराष्ट्र पुलिस प्रतिष्ठान में 100 करोड़ रुपये की कथित रिश्वत एवं वसूली मामले में की जा रही आपराधिक जांच के संबंध में धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत देशमुख के बयान दर्ज किए. ईडी के संयुक्त निदेशक सत्यव्रत कुमार कुछ अन्य अधिकारियों के साथ रात नौ बजे एजेंसी के कार्यालय में गए थे. इससे पहले ईडी द्वारा पांच बार समन जारी किए जाने के बावजूद देशमुख पेश नहीं हुए थे. बंबई उच्च न्यायालय के गत सप्ताह इन समनों को रद्द करने से इनकार करने के बाद वह एजेंसी के समक्ष पेश हुए.

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