महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने गुरुवार को कहा कि केंद्र द्वारा राज्य को रेमडेसिविर की रोज 26,000 इंजेक्शन आवंटित की जा रही है जबकि प्रतिदिन 50,000 इंजेक्शन की जरूरत है. टोपे ने संवाददाताओं से कहा कि वह कोविड-19 संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र के लिए रेमडेसिविर दवा का आवंटन बढ़ाने के लिए केंद्र को पत्र लिखेंगे.
उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार को रोजाना 50,000 रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत है लेकिन केंद्र की तरफ से रोज 26,000 इंजेक्शन का आवंटन हुआ है. यह अगले 10 दिनों के लिए है. बहुत गंभीर स्थिति है क्योंकि गंभीर मरीजों के उपचार के लिए इस दवा के इस्तेमाल से जान बच सकती है.'
मंत्री ने कहा, ‘मैं महाराष्ट्र को रेमडेसिविर का आवंटन बढ़ाने के लिए बृहस्पतिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को एक पत्र लिखूंगा.' टोपे और राज्य के खाद्य तथा औषधि मंत्री राजेंद्र शिंगणे ने कुछ दिन पहले आश्वस्त किया था कि 21 अप्रैल से रेमडेसिविर की आपूर्ति बढ़ेगी.
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बता दें कि देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने मंगलवार को रेमडेसिविर, इसके कच्चे माल तथा वायरल रोधी दवा बनाने में इस्तेमाल होने वाले अन्य सामान पर सीमा शुल्क समाप्त करने की घोषणा की थी. इस कदम से रेमडिसिविर इंजेक्शन की घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और लागत घटाने में मदद मिलने की उम्मीद है.
राजस्व विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने जन हित में इन उत्पादों पर सीमा शुल्क समाप्त करने का फैसला किया है. जिन उत्पादों पर अब आयात शुल्क नहीं लगेगा उनमें रेमडेसिविर एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रिडिएंट्स (एपीआई), इंजेक्शन रेमडेसिविर और रेमडेसिविर के विनिर्माण में काम आने वाली बीटा साइक्लोडेक्ट्रिन शामिल है. आयात शुल्क की यह छूट इस साल 31 अक्टूबर तक लागू रहेगी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)