महाराष्ट्र : कुछ जिलों में ऑक्सीजन की कमी, कोरोना की दूसरी लहर से कैसे लड़ें?

अहमदनगर में दो मरीज़ों की मौत की जांच होगी, मुंबई में गैलेक्सी अस्पताल के सात ICU मरीज़ शिफ़्ट किए गए, ऑक्सीजन रीफ़िलिंग, डिपॉज़िट का दाम बढ़ा

Advertisement
Read Time: 20 mins

मुंबई:

Maharashtra Coronavirus: सांस की दिक़्क़त वाली बीमारी से बिना ऑक्सीजन के भला कैसे लड़ा जाए? हॉटस्पॉट महाराष्ट्र में ऑक्सीजन की कमी कई ज़िलों में है. मुंबई में भी भारी कमी है. कमी के कारण कुछ अस्पतालों से ICU के मरीज़ दूसरे अस्पतालों में शिफ़्ट किए जा रहे हैं. कहीं नए गम्भीर मरीज़ भर्ती ही नहीं किए जा रहे.

महाराष्ट्र के अहमदनगर का एक वीडियो वायरल हो गया है. इसमें स्टाफ़ के लोग सिलेंडर फ़िट कर रहे हैं और मरीज़ के परिजन ग़ुस्से में विडियो बना रहे हैं, ये कहते हुए कि ज़िला अस्पताल में ऑक्सीजन अचानक बंद होने पर दो की मौत हो गई. ज़िलाधिकारी कहते हैं जांच हो रही है.

अहमदनगर के कलेक्टर डॉ राजेंद्र भोंसले ने कहा कि ‘'मैं खुद ज़िला अस्पताल गया था, जिन दो लोगों की मौत हुई है वो 75 साल से अधिक के थे. सिविल सर्जन को कहा है मामले को देखें, क्यों हुई मौत इसकी जांच हम कर रहे हैं.''

ऑक्सिजन की कमी की शिकायत अब मुंबई शहर और आसपास भी बढ़ गई है. मुर्तजा दीवान अपने दोस्त के लिए घंटों ऑक्सीजन सिलिंडर ढूंढते रहे पर नहीं मिला. वे  Nobody Ever Sleeps Hungry संस्था की मदद से एक सिलिंडर ख़रीद पाए.

क़रीब 100 रुपये में सिलिंडर रीफ़िलिंग की क़ीमत अब 400 रुपये पार है और 3000 रुपये डिपॉज़िट, लगभग दोगुना हो चुका है. मुर्तजा दीवान ने कहा कि दोस्त के लिए अर्जेंट में सिलेंडर लेना है, कई जगह चक्कर काटा फिर ‘नेश' वालों से सम्पर्क किया, 5,500 डिपॉज़िट में मिला, रीफ़िलिंग का 400 ले रहे हैं, पैसे की दिक़्क़त नहीं है कम से कम समय पर मिल जाए ज़रूरी है.

नेश संस्था के फ़ाउंडर ज़ुहैर दीवान बताते हैं कि अचानक से ऑक्सीजन रीफ़िलिंग में कमी आई है. ज़ुहैर दीवान ने कहा कि ‘'हमारा डीलर हमारे पास ऑक्सीजन नहीं पहुंचा पा रहा है. उनके पास दो जंबो सिलिंडर थे किसी तरह बुर्हानी हॉस्पिटल में भेजे, मुंबई में ऑक्सीजन की मारामारी है. रीफ़िलिंग के कुछ स्टेशन बंद हैं, कोई कहता है उनके वर्कर को कोविड है इसलिए बंद किया. कुछ सरकारी रूल भी है इसलिए रीफ़िलिंग जितना होना चाहिए उतना नहीं हो रहा है.''

Advertisement

ऑक्सीजन की कमी के कारण मुंबई के गैलेक्सी मल्टीस्पेशियलिटी से सात गम्भीर ICU मरीज़ सोमाया अस्पताल में शिफ़्ट किए तो ठाणे में नए नवेले पार्किंग प्लाज़ा कोविड सेंटर के 26 गम्भीर मरीज़ ग्लोबल अस्पताल भेजे गए.

महाराष्ट्र में रोज़ाना 1,250 MT ऑक्सीजन बनता है. राज्य में क़रीब 30 ऑक्सीजन मैन्युफ़ैक्चरर हैं और 88 डिस्ट्रीब्यूटर या रीफ़िलर्स के ज़रिए ज़िलों में ऑक्सीजन पहुंचाया जाता है. मुंबई, पुणे, नागपुर, नाशिक, ठाणे में कुल उत्पादन के क़रीब 50% मेडिकल ऑक्सीजन की खपत है.

Advertisement

ऑल फूड एंड ड्रग लाइसेंस होल्डर्स फाउंडेशन के अभय पांडे बताते हैं कि सप्लाई में कटौती और कुछ ज़िलों में इसका ज़्यादा वितरण, अचानक आई कमी का कारण है. अभय पांडे ने कहा कि ‘'हर रीफ़िलर को मैन्युफ़ैक्चरर से 7-10MT ऑक्सीजन जो मिलता था वो अब 2-5MT मिल रहा है, सिवाय धुले जलगांव के क्योंकि यहां 300MT प्रति दिन डायवर्ट की गई है. ये कारण मुझे शॉर्टेज का लग रहा है. मुझे लगता है महाराष्ट्र FDA को हर ज़िले के बेड को देखते हुए ऑक्सीजन का डायवर्ज़न करना चाहिए ताकि ज़रूरतमंद ज़िले को सही मात्रा में ऑक्सिजन मिले.''

महाराष्ट्र में क़रीब 800MT ऑक्सीजन खपत की बात की जा रही है. सप्लाई चेन में कटौती और गड़बड़ी को फ़िलहाल कमी का कारण बताया जा रहा है.

Advertisement
Topics mentioned in this article