महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए तमाम पार्टियों ने कमर कस ली है. चुनाव को लेकर महाविकस आघाड़ी की बैठक में मुंबई की सीटों को लेकर चर्चा शुरू हो चुकी है. तीन दिन के भीतर, आज महाविकास आघाडी की दूसरी बैठक बुलाई गई है. शाम 4:30 बजे ट्राइडेंट होटल में महाविकस आघाड़ी की बैठक होने वाली है. शनिवार को ट्राइडेंट होटल में हुई बैठक में, तीनों पार्टियों के नेताओं ने मुंबई की 36 सीटों को लेकर अपनी-अपनी पार्टी को प्रस्ताव सामने रखा था.
किस पार्टी ने मांगी कितनी सीट
चुनाव में सीटों बंटवारे के गणित को देखे तो, शिवसेना ने 20 से 25 सीट का प्रस्ताव रखा है. वहीं एनसीपी शरद पवार ने 7 सीट को लेकर जोर दिया है. जबकि कांग्रेस ने 13 से 15 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग रखी है. मुंबई में कुल 36 विधानसभा सीटें है, ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण है कि कौन सी पार्टी कम सीटों पर समझौता करेगी. क्योंकि प्रस्ताव के मुताबिक तो सीटों का बंटवारा नामुमिकन है.
कांग्रेस क्यों कर सकती है ज्यादा सीटों की मांग
लोकसभा चुनाव में अपने प्रदर्शन के बाद, मुंबई के अलावा कांग्रेस महाराष्ट्र के अन्य जिलों में ज्यादा सीटों की मांग कर सकती है. 2019 के विधानसभा परिणाम के अनुसार मुंबई में शिवसेना ने 14, बीजेपी 16, कांग्रेस 4, एनसीपी 1, समाजवादी पार्टी ने 1 सीट जीती थी. हालिया सालों में हुए राजनीतिक समीकरण के बाद क्या उद्धव ठाकरे को उनकी इच्छानुसार सीटें मिलती है या नही ये देखना होगा.
शिवसेना यूबीटी ने मांगी सबसे ज्यादा सीट
शिवसेना यूबीटी ने विधानसभा चुनाव के लिए महाविकास अघाड़ी में 36 में से कम से कम 20 सीटें मांगी है. कांग्रेस ने भी 12 से 15 सीटों की इच्छा जताई है. वही, शरद पवार की एनसीपी 5 से 6 सीटों में ही संतुष्ट है. शीट शेयरिंग पर हो रही बैठकों में शिवसेना UBT को मुंबई के संदर्भ में बड़ा भाई बताया गया है, लेकिन महाराष्ट्र मे बड़ा भाई कौन बैठक में इस पर भी चर्चा की जायेगी.
किन सीटों पर फंस रहा पेंच
तीन दलों द्वारा अणुशक्ति नगर विधानसभा सीट पर दावा किया जा रहा है, जहां मौजूदा विधायक एनसीपी अजित पवार गुट के नवाब मलिक है. अणुशक्ति नगर से एनसीपी शरद पवार गुट रवींद्र पवार के लिए सीट चाहता है. वही, बांद्रा पूर्व विधानसभा जहां मौजूदा विधायक जीशान सिद्दीकी है, वह सीट यूबीटी मांग रही है. शिव सेना यूबीटी बांद्रा पूर्व से वरुण सरदेसाई और कांग्रेस नसीम सिद्दीकी को चांदीवली से चुनाव लड़ाना चाहती है.
अगर कांग्रेस बांद्रा पूर्व शिवसेना यूबीटी को देगी तो ही शिवसेना यूबीटी चांदीवली सीट कांग्रेस को देगी. मुंबई सीट शेयरिंग फॉर्मूला में शिवसेना यूबीटी और कांग्रेस के बीच अनबन हो सकती है.