महाराष्ट्र में कोविड के दौरान 4,253 कैदियों को विशेष तौर पर परोल देकर घर जाने दिया गया था, लेकिन जब उन्हें वापस जेल बुलाया गया तो उनमें से 400 के करीब वापस नहीं आए. अब उनमें से 18 को मुंबई पुलिस ने पकड़कर जेल पहुंचाया है. हालांकि अब भी करीब 350 कैदी जेल के बाहर हैं, जिनकी तलाश जारी है. मुंबई पुलिस के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर कानून व्यवस्था सत्यनारायण चौधरी ने कहा कि कोविड में अपराधियों को परोल पर रिलीज किया गया था, जब कोविड खत्म हुआ तो उन्हें वापस जेल में रिपोर्ट करना था, लेकिन वो नहीं आए.
चौधरी ने कहा कि हमने पूरी लिस्ट ली है और उस हिसाब से सभी पुलिस थानों को टास्क दिया था. अभी तक 18 लोगों को पकड़कर हमने वापस जेल भेजा है. कुछ लोगों पर केस भी बनाया है.
मुंबई और महाराष्ट्र की 20 जेलों में 35 हजार से अधिक कैदी बंद हैं, जो जेलों की तय क्षमता से ज्यादा हैं. संक्रमण बढ़ने का खतरा देखकर भीड़ कम करने के लिए महाराष्ट्र की जेलों से साल 2020 में 4253 सजायफ्ता कैदियों को विशेष तौर पर परोल देकर घर जाने दिया गया था, लेकिन कोविड खत्म होने के बाद जब वापस जेल जाने का वक्त आया तो 400 के करीब भूमिगत हो गए.
मुंबई की जेल से भी 72 कैदी छोड़े गए थे, जिनमें से कुछ तो वापस जेल चले गए लेकिन कुछ छुप गए. इसलिए अब उन्हें वापस सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए पुलिस को विशेष धरपकड़ अभियान चलाना पड़ा है.
पहचान बदलकर छुपे कैदियों तक पहुंचने के लिए पुलिस को कभी कुरियर बॉय तो कभी इंश्योरेंस एजेंट बनकर जाना पड़ा, तब जाकर सफलता मिली. पुलिस के मुताबिक अब भी 350 के करीब कैदी फरार हैं जिनकी तलाश जारी है.
इसी मुहिम के साथ मुंबई पुलिस ने दूसरे मामलों में फरार 193 आरोपियों को भी गिरफ्तारी किया है. 72 के करीब भगोड़ों को भी गिरफ्तार किया गया है. पुलिस की पूरी कोशिश है कि मुंबई में जो वांटेड हैं, फरार हैं या फिर परोल पर छूटे हैं, उन सभी को गिरफ्तार कर वापस भेजा जाए इसके लिए सभी पुलिस थानों को अलर्ट किया गया है.
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