मुंबई में फर्जी टीकाकरण कैंपों से करीब 2000 शिकार हुए हैं. इस मामले में पुलिस ने 7 एफआईआर दर्ज की हैं और 10 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक महिला भी शामिल हैं, जिन्होंने कोविन अकाउंट का यूजरनेम और पासवर्ड शेयर किया ताकि प्रमाण पत्र जारी हो सके.आरोपियों पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है. मुंबई पुलिस ने कहा है कि हो सकता है कि इन घोटालेबाजों ने नागरिकों को खारे या नमक के पानी का इंजेक्शन लगाया हो. ज्वाइंट कमिनश्नर ऑफ पुलिस विश्वास पाटिल ने कहा कि उनसे 12.40 लाख रुपये बरामद हुए हैं. मुख्य आरोपी मनीष त्रिपाठी और महेंद्र सिंह का बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि इस गैंग ने आठ और शिविर आयोजित किए थे.
पुलिस सूत्रों ने कहा कि कुछ पीड़ितों ने बताया कि कोविशील्ड लेबल वाली शीशियों को वैक्सीन देने के लिए इस्तेमाल किया गया था, लेकिन यह साफ नहीं है कि वास्तव में उसमें क्या था. पिछले हफ्ते कांदिवली की हाउसिंग सोसाइटी द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद यह घोटाला सामने आया था.
शीशियों में क्या था- बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी पता लगाने के दिए थे आदेश
मंगलवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने बीएमसी को यह पता लगाने के लिए कहा था कि आरोपी द्वारा इस्तेमाल की गई शीशियों में क्या था. साथ ही कहा था कि सभी पीड़ितों के लिए अधिकृत और प्रमाणित टीकाकरण करें.
महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वेरिएंट से एक मरीज की मौत
महाराष्ट्र में भी डेल्टा प्लस वेरिंयट अपने पांव पसार रहा है. वहां इस संक्रमण से पहली मौत हुई है. इस वेरिएंट से रत्नागिरी में 80 साल के मरीज की मौत हुई है. महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वेरिएंट के 21 मरीज थे, जिसमें 80 साल से एक बुजुर्ग की मौत के बाद अब संख्या 20 हो गई है. उन्होंने बताया कि डेल्टा प्लस के अब तक आए हुए मरीजों की संख्या 21 ही हैं इसलिए रिप्लेसमेंट ऑफ वायरस हुआ है क्या? पहले डेल्टा था फिर डेल्टा प्लस हुआ क्या, डेल्टा ने उसे रिप्लेस किया है क्या, तो ऐसा कुछ नहीं है. इसमें सिगनिफिकेंट नंबर नहीं है. बाकी हमारी बारीकी से जांच चल रही है. 37 जिलों में हर महीने हम 100 सैम्पल लेते हैं और हम उसकी ट्रेवल हिस्ट्री,उसे क्या री इंफेक्शन हुआ है और उसने वैक्सीन ली थी या नहीं, की जांच करते हैं. केंद्र से भी हमें इस मामले में मदद मिल रही है. आज जो 21 मरीज डेल्टा प्लस के हैं जिनमें से 1 बुजुर्ग की मौत हो चुकी है. अब 20 मरीज हैं जिसमें से कुछ मरीज ठीक होकर घर भी जा चुके हैं. डरने की कोई बात नहीं, हम इस मामले में केंद्र के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.