प्रयागराज में आज से महाकुंभ 2025 की शुरुआत हो गई है. बता दें कि इस धार्मिक आयोजन का सबसे बड़ा आकर्षण अखाड़े और नागा साधू होते हैं और इन अखाड़ों के लिए सबसे अहम होता है शाही स्नान, जिसे इस बार अमृत स्नान का नाम दिया गया है. कुंभ मेला प्रशासन ने महाकुंभ के सभी 13 अखाड़ों को अमृत स्नान संबंधी समय सूची जारीकर दी है. तो चलिए आपको बताते हैं कि कौन सा अखाड़ा सबसे पहले अमृत स्नान करेगा और कितनी देर तक आस्था की डुबकी लगाएगा. बता दें कि सबसे पहला अमृत सन्नान 14 जनवरी को मकर संक्राति के मौके पर किया जाएगा.
यहां देखें क्रमानुसार अखाड़ों की सूची -
महाकुंभ में प्रमुख स्नान तिथियां -
13 जनवरी - पौष पूर्णिमा
14 जनवरी - मकर संक्रांति
29 जनवरी - मौनी अमावस्या
3 फरवरी - बसंत पंचमी
12 फरवरी - माघ पूर्णिमा
- 26 फरवरी - महा शिवरात्रि
महाकुंभ की पौराणिक मान्यता?
बता दें कि महाकुंभ में पहले दिन अब तक 50 लाख श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान किया है. पौराणिक मान्यता के अनुसार श्रद्धालु एक माह तक नियमपूर्वक संगम तट पर कल्पवास करेंगे. इसके लिए सीएम योगी के मार्गदर्शन में प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने विशेष इंतजाम किए हैं. कल्पवास की शुरुआत आज पौष पूर्णिमा से हो गई है.
महाकुंभ सनातन आस्था का सबसे बड़ा आयोजन होने के साथ बहुत सी सनातन परंपराओं का वाहक भी है. इसमें से महाकुंभ की एक महत्वपूर्ण परंपरा है संगम तट पर कल्पवास करना. शास्त्रीय मान्यता के अनुसार कल्पवास, पौष पूर्णिमा की से शुरू होकर माघ पूर्णिमा तक पूरे एक माह तक किया जाता है. इस महाकुंभ में कल्पवास आज से शुरू होकर 12 फरवरी तक संगम तट पर किया जाएगा.