पटना: हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को दावा किया कि बिहार में महागठबंधन सरकार बरकरार नहीं रहेगी. पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मांझी ने दावा किया कि परिवारवाद पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बयान उनके सहयोगी कांग्रेस और राजद पर लक्षित था.
उन्होंने कहा, ‘‘बिहार के राजनीतिक माहौल के बारे में ज्यादा कुछ कहने को नहीं है. सभी इसे देख रहे हैं. वंशवाद की राजनीति पर नीतीश कुमार का बयान कांग्रेस और राजद पर था. इन परिस्थितियों में क्या आपको लगता है कि वे एकजुट रहेंगे ?''
मांझी ने दावा किया, ''मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद बिहार में महागठबंधन की सरकार बिल्कुल भी बरकरार नहीं रहेगी.'' इससे पहले नीतीश कुमार की पार्टी जद (यू) के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने स्पष्ट किया था कि वंशवाद की राजनीति के बारे में नीतीश की टिप्पणी सहयोगी राजद के लिए नहीं थी. राजद का नेतृत्व लालू प्रसाद कर रहे हैं और उनके छोटे पुत्र तेजस्वी यादव राज्य मे उपमुख्यमंत्री हैं और बड़े बेटे तेज प्रताप यादव मंत्री हैं.
त्यागी जद (यू) के राजनीतिक सलाहकार और प्रवक्ता हैं. उन्होंने यह भी कहा था कि कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति नीतीश कुमार के कृतज्ञता प्रकट किए जाने को यह नहीं समझा जाना चाहिए कि नीतीश मोदी की तारीफ कर रहे थे. ये दावे उन अटकलों की पृष्ठभूमि में आए हैं कि नीतीश के बयानों से राजद के साथ उनके गठबंधन में खटास आ गई है और जद(यू) नेता उस भाजपा के नेतृत्व वाले राजग में वापसी की योजना बना रहे हैं जिससे उन्होंने दो साल से भी कम समय पहले नाता तोड़ लिया था.
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स' पर किए गए पोस्ट ने अटकलों को और हवा दे दी थी. इस पोस्ट को बाद में हटा दिया गया. हटाए गए पोस्ट हिंदी में थे और उनके स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर हैं. इनमें से एक में कहा गया था, ‘‘वे जो वैचारिक रूप से भटके हुए हैं, समाजवाद के चैंपियन होने का दावा करते हैं.''
इसे मुख्यमंत्री पर अप्रत्यक्ष हमला माना गया था . हालाँकि बाद में राजद ने दावा किया कि पोस्ट का निशाना नीतीश नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी थे.