गैंगस्टर-राजनेता मुख्तार अंसारी की मौत पर विपक्षी दलों द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद शुक्रवार को मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए. अंसारी के परिवार ने आरोप लगाया है कि बांदा जेल में उन्हें ‘धीमा जहर' दिया गया जिसके कारण उनकी मौत हो गई. उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सुरक्षा अलर्ट के बीच डॉक्टरों के एक पैनल ने बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में शव का पोस्टमार्टम किया.
बांदा मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों के एक समूह द्वारा पोस्टमॉर्टम किए जाने के बाद मुख्तार अंसारी के शव को गाजीपुर जिले के मोहम्दाबाद यूसुफपुर स्थित उसके पैतृक निवास ले जाया जा रहा है, 26 गाड़ियों का काफिला शाम पौने पांच बजे गाजीपुर के लिए रवाना हो गया.
इस काफिले में मौजूद मुख्तार के वकील नसीम हैदर ने बताया कि अंसारी का शव उसके छोटे बेटे उमर अंसारी, बहू निकहत अंसारी और दो चचेरे भाइयों के सुपुर्द किया गया. सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस अधिकारियों की 24 गाड़ियां काफिले में हैं और दो गाड़ियां अंसारी के परिवार की हैं.
गाजीपुर के मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी विधायक मोहम्मद सुहैब अंसारी के अनुसार उनके चचा मुख्तार अंसारी को शनिवार सुबह 10 बजे यूसूफपुर मोहम्मदाबाद (गाज़ीपुर) के कालीबाग कब्रिस्तान में दफनाया जायेगा .
बांदा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) भगवान दास गुप्ता की ओर से जारी आदेश के मुताबिक मामले की जांच के लिए गरिमा सिंह अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सांसद-विधायक अदालत बांदा) को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है.
आदेश के मुताबिक वरिष्ठ अधीक्षक जिला कारागार बांदा द्वारा 28 मार्च को मुख्तार अंसारी की मौत के मामले की न्यायिक जांच के लिए अधिकारी नामित करने की याचना की गयी थी. सीजेएम ने नियुक्त जांच अधिकारी से एक माह के अंदर जांच आख्या मांगी है. इसके पहले महानिदेशक (कारागार) एसएन साबत ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा कि मामले की न्यायिक जांच होगी.
मुख्तार अंसारी को बृहस्पतिवार को तबीयत बिगड़ने के बाद बांदा जिला जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था, जहां दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई थी. मुख्तार के परिजनों ने अंसारी को जेल में धीमा जहर देने का आरोप लगाया था.
गाजीपुर के सांसद और मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी ने मंगलवार को ‘पीटीआई-भाषा' से कहा था कि ''मुख्तार ने बताया था कि करीब 40 दिन पहले भी उन्हें जहर दिया गया था और हाल ही में शायद 19 या 22 मार्च को फिर ऐसा किया गया, जिसके बाद से उनकी हालत खराब है.''
अफजाल ने कहा था कि 21 मार्च को बाराबंकी की अदालत में एक मामले की डिजिटल माध्यम से सुनवाई के दिन मुख्तार के वकील ने अदालत में दरखास्त दी थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनके मुवक्किल को जेल में 'धीमा जहर' दिया गया है जिससे उनकी हालत बिगड़ती जा रही है.
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी की मौत के मामले की उच्च स्तरीय जांच की शुक्रवार को मांग की.
वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अंसारी का नाम लिए बिना शुक्रवार को पुलिस और न्यायिक अभिरक्षा में होने वाली मौतों पर सवाल उठाते हुए उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जांच की मांग की.
बसपा प्रमुख मायावती ने मुख्तार की मौत के अगले दिन शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ''मुख्तार अंसारी की जेल में हुई मौत को लेकर उनके परिवार द्वारा जो लगातार आशंकायें व गंभीर आरोप लगाए गए हैं, उनकी उच्च-स्तरीय जांच जरूरी है, ताकि उनकी मौत के सही तथ्य सामने आ सकें.''
मायावती ने कहा, ''ऐसे में उनके परिवार का दुःखी होना स्वाभाविक है. कुदरत उन्हें इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे.''
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को 'एक्स' पर कहा, ''हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है. सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा.''
ओवैसी ने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए अंसारी के परिवार के सदस्यों के इस आरोप का हवाला दिया कि उन्हें धीमा जहर दिया गया.
उन्होंने कहा, ‘‘एक उपयुक्त स्वतंत्र जांच होनी चाहिए. परिवार जो कुछ कह रहा है, उसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए.''
उन्होंने कहा, ‘‘हमें ऐसी दूसरी घटना देखने को मिली है जिसमें एक दोषी कैदी की न्यायिक हिरासत में मौत हुई है. पहली घटना गोलीबारी की है. अब इस घटना में, परिवार का कहना है कि धीमा जहर दिया गया.''
इस तरह की पहली घटना के बारे में ओवैसी की टिप्पणी गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बारे में थी.
अज्ञात हमलावरों ने 2023 में प्रयागराज में एक मेडिकल कॉलेज के पास उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी.
मुख्तार के बेटे उमर अंसारी ने आरोप लगाया कि जेल में उनके पिता को धीमा जहर दिया गया था. हालांकि, अधिकारियों ने इस आरोप से इनकार किया है.
उमर ने संवाददाताओं से कहा, 'मेरे पिता ने हमें बताया था कि उन्हें 'धीमा जहर' दिया जा रहा है. अब पूरा देश इस बारे में जानता है.''
अंसारी की मौत को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना करने पर विपक्षी दलों पर पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को कहा कि सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए उनकी हर मुद्दे को भावनात्मक रूप से भुनाने की आदत है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने जहां विपक्षी दलों पर निशाना साधा, वहीं अंसारी के इशारे पर मारे गए विधायक कृष्णानंद राय की पत्नी और भाजपा नेता अलका राय ने उनकी मौत को ‘दैवीय न्याय' करार दिया. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे हमेशा भगवान पर पूरा भरोसा था.''
उनके पुत्र पीयूष राय ने राज्य की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी समेत कुछ विपक्षी दलों के इस आरोप को खारिज कर दिया कि अंसारी की मौत के पीछे साजिश थी.
उन्होंने कहा कि यह आरोप गलत है और तुष्टिकरण की राजनीति के कारण आरोप लगाया गया है.
उन्होंने कहा, ‘‘वे (आलोचक) अपराधी में धर्म ढूंढ रहे हैं.''
उनकी मां ने कहा कि अंसारी के अपराध के पीड़ित और उनके परिवार उसके अंत से खुश होंगे. अलका राय पूर्व में भाजपा के टिकट पर उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए निर्वाचित हुई थीं.
नकवी ने अपनी प्रतिक्रिया में विपक्षी दलों पर उनकी मौत पर राज्य प्रशासन के बयान के बावजूद ‘सांप्रदायिक जहर' फैलाने का आरोप लगाया.
कई बार विधायक रह चुके मुख्तार अंसारी के आपराधिक अतीत का जिक्र करते हुए नकवी ने कहा कि उनके इतिहास को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
अंसारी को जिला जेल से जब बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज लाया गया था, तब वह बेहोशी की हालत में था और अस्पताल के प्राचार्य सुनील कौशल के अनुसार दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई.
समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि अदालत को अंसारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का संज्ञान लेना चाहिए. यादव ने कहा कि ''मुख्तार अंसारी के परिवार से उनके अच्छे संबंध रहे हैं और मुख्तार अंसारी का परिवार देश की आजादी में लड़ा था. देश की आजादी में इस परिवार का काफी योगदान रहा है.''
उन्होंने कहा कि ''मुख्तार अंसारी की मौत संदेह के घेरे में है और न्यायालय को इस मामले में स्वत: संज्ञान लेना चाहिए.''
उन्होंने कहा है कि मुख्तार अंसारी के बेटे को जनाजे में शामिल होने के लिए जिलाधिकारी को भी स्वत: संज्ञान लेते हुए उनके बेटे को पैरोल देना चाहिए. आपराधिक मामलों में अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी कासगंज की जेल में निरुद्ध हैं.
गाजीपुर के मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक मोहम्मद सुहैब अंसारी ने बताया कि उनके चचा मुख्तार अंसारी को शनिवार सुबह 10 बजे यूसूफपुर मोहम्मदाबाद (गाज़ीपुर) के कालीबाग कब्रिस्तान में दफनाया जायेगा .
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