असम के बरपेटा जिले में अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के दो बांग्लादेशी सदस्यों को चार साल तक पनाह देने वाले एक मदरसे को जिला प्रशासन ने सोमवार को ध्वस्त कर दिया. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. आतंकियों के साथ जुड़ाव के लिए मोहम्मद सुमन उर्फ सैफुल इस्लाम को इस साल की शुरुआत में गिरफ्तार किया गया था, जबकि दूसरे की तलाश जारी है. आतंकवादियों के दोनों सहयोगियों को उनकी अवैध गतिविधियों में मदद करने के आरोप में प्रधानाध्यापक, एक शिक्षक और एक अन्य व्यक्ति को पहले गिरफ्तार किया जा चुका है.
बरपेटा के पुलिस अधीक्षक अमिताभ सिन्हा ने कहा, ‘‘चूंकि यह मदरसा सरकारी जमीन पर बनाया गया था, इसलिए बरपेटा जिला प्रशासन द्वारा चलाए गए बेदखली अभियान में इसे ध्वस्त कर दिया गया. कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था.'' सिन्हा ने कहा कि मार्च में मोहम्मद सुमन की गिरफ्तारी के बाद बरपेटा के ढकलियापारा में मदरसा ‘शैखुल हिंद मदमुदल हसन जमीउल हुदा इस्लामिक एकेडमी' के संकाय सदस्यों की राष्ट्रविरोधी तत्वों के साथ संलिप्तता का पता चला था.
सिन्हा ने कहा कि मदरसे के प्रधानाध्यापक ममुदुल राशिद, एक अन्य शिक्षक अकबर अली और उसके भाई अबुल कलाम आजाद को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस ने पूर्व में कहा था कि एबीटी के सदस्य करीब चार साल से मदरसे में रह रहे थे. एबीटी के तार भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा (एक्यूआईएस) से जुड़े हैं. पुलिस ने इस साल मार्च से आतंकियों के साथ संबंधों के आरोप में 40 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है तथा मध्य और निचले असम में अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में कड़ी निगरानी रख रही है.