- मध्य प्रदेश के रतलाम में एक व्यक्ति ने मंग्रोल पंचायत कार्यालय में आग लगा दी, जिसका वीडियो वायरल हो गया.
- ग्रामीणों ने आग लगाते हुए गोपाल को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया और आग पर तेजी से काबू पाया.
- आरोपी ने सरकारी योजनाओं का लाभ न मिलने और आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए आग लगाने की बात कही.
मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में एक शख्स ने पंचायत कार्यालय को आग के हवाले कर दिया. आग लगाते उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. मामला रतलाम जिले के मंग्रोल पंचायत कार्यालय का है. वीडियो में गोपाल नाम का एक स्थानीय निवासी कथित तौर पर इमारत के अंदर पेट्रोल डालकर माचिस की तीली से आग लगाता दिख रहा है.
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आग लगाने वाले को ग्रामीणों ने पकड़ा
आग तेजी से कार्यालय में फैलने लगी. जिसके बाद मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने तुरंत आग पर काबू पाने की कोशिश शुरू की, ताकि कोई बड़ा नुसान न हो. ग्रामीणों ने आग लगाने वाले गोपाल को धर दबोचा और बाद में उसे पुलिस के हवाले कर दिया. सलाखेड़ी पुलिस चौकी के अधिकारियों ने तुरंत मौके पर पहुंच मामले की जांच शुरू की.
हिरासत में लिए जाने के बाद आरोपी गोपाल ने दावा किया कि वह पीएम आवास योजना (पीएमएवाई) समेत विभिन्न सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के के लाभ के लिए बार-बार स्थानीय प्रशासन से संपर्क कर रहा था, लेकिन उसे कोई मदद नहीं मिली. गोपाल का कहना है कि उसका परिवार घोर आर्थिक तंगी में जी रहा है. उसका नाबालिग बेटा घर चलाने के लिए मजदूरी करने को मजबूर है.
आरोपी बोला-बेबसी में लगाई आग
गोपाल ने कहा कि अधिकारियों की लगातार उपेक्षा और अनुत्तरदायी रवैये से निराश होकर उसने बेबसी में आकर यह कठोर कदम उठाया. हालांकि, पुलिस का कहना है कि आरोपी घटना के समय शराब के नशे में था. जांच अधिकारी जेसी यादव ने कहा कि पुलिस वायरल वीडियो समेत सबूत जुटा रही है और कानूनी कार्रवाई शुरू की जा रही है. उन्होंने कहा कि वीडियो और अन्य सबूतों की जांच की जा रही है. आरोपी के खिलाफ जरूरी कानूनी कार्रवाई की जा रही है.
ग्रामीणों ने बुझाई कार्यालय की आग
बता दें कि इस घटना में किसी के घायल होने की खबर नहीं है. आग पर शीघ्र ही काबू पा लिया गया, लेकिन इसने स्थानीय स्तर पर शिकायत निवारण तंत्र की प्रभावशीलता और समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों में बढ़ती निराशा पर सवाल खड़े कर दिए हैं. अधिकारियों का कहना है कि आरोपियों के दावों की पुष्टि करने और क्षेत्र में कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में किसी भी तरह की चूक का आकलन करने के लिए आगे की जांच जारी है.
आरोपी ने दिया आर्थिक तंगी का हवाला, लगाया आरोप
बता दें कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (पीएमएवाई-जी) केंद्र सरकार द्वारा 1 अप्रैल, 2016 को ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब और बेघर परिवारों को स्थायी मकानों के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के मकसद से शुरू की गई थी. इस योजना के तहत, पात्र लाभार्थियों को मैदानी इलाकों में 1.2 लाख रुपये और पहाड़ी या दुर्गम क्षेत्रों में 1.3 लाख रुपये किस्तों में दिए जाते हैं. योजना का मकसद आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को पक्के मकान बनाने में सक्षम बनाकर "सभी के लिए आवास" सुनिश्चित करना है.













