"मरकर भी जिंदा...!" फौजी के सीने में धड़केगा मध्‍य प्रदेश के कारोबारी का दिल

मध्यप्रदेश के 34 वर्षीय सब्जी कारोबारी की मौत के बाद उसके अंगदान से पांच लोगों को नई जिंदगी मिलेगी. इनका दिल गंभीर हृदय रोग से जूझ रहे एक फौजी के शरीर में प्रत्यारोपित किया जाएगा. इस शख्‍स को एक एक्‍सीडेंट के बाद दिमागी रूप से मृत घोषित कर दिया गया था.

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आसवानी को चिकित्सकों ने दिमागी रूप से मृत घोषित कर दिया था

इंदौर: मरकर भी कैसे जिंदा रहा जाता है, इसकी एक मिसाल मध्‍य प्रदेश के शख्‍स ने पेश की है. मध्यप्रदेश के 34 वर्षीय सब्जी कारोबारी की मौत के बाद उसके अंगदान से हासिल हृदय को सेना के विशेष विमान से सोमवार को इंदौर से पुणे भेजा गया. इस अंग को गंभीर हृदय रोग से जूझ रहे एक फौजी के शरीर में प्रत्यारोपित किया जाएगा. 'इंदौर सोसायटी फॉर ऑर्गन डोनेशन' के अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि उज्जैन में सब्जी का कारोबार करने वाले प्रदीप आसवानी (34) सड़क हादसे में 20 जनवरी की रात घायल हो गए थे. सिर में गंभीर चोट के चलते उन्हें इंदौर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

अधिकारियों ने बताया कि इलाज के बावजूद आसवानी की हालत में सुधार नहीं हुआ और चिकित्सकों ने उन्हें दिमागी रूप से मृत घोषित कर दिया. उन्‍होंने बताया कि शोक में डूबे होने के बावजूद आसवानी के परिजन उनके मरणोपरांत अंगदान के लिए राजी हो गए और इसके बाद शल्य चिकित्सकों ने 34 वर्षीय कारोबारी के मृत शरीर से उनका हृदय, यकृत (लीवर), दोनों गुर्दे (किडनी) और आंखें निकाल लीं.

इंदौर संभाग के आयुक्त (राजस्व) डॉ. पवन कुमार शर्मा ने बताया कि आसवानी के मरणोपरांत अंगदान से हासिल हृदय को थल सेना के चिकित्सकों का दल विशेष विमान से पुणे लेकर गया, जहां उसे एक फौजी के शरीर में प्रत्यारोपित किया जाएगा. आसवानी की बड़ी बहन नीलम खुशलानी ने कहा, "हमारे परिवार के लिए बड़े गर्व की बात है कि मेरे दिवंगत भाई का हृदय एक सैनिक के शरीर में लगने जा रहा है. मुझे महसूस हो रहा है कि (हृदय प्रत्यारोपण के बाद) मेरा भाई एक सैनिक के रूप में जिंदा रहकर देश की सेवा करेगा."

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इंदौर सोसायटी फॉर ऑर्गन डोनेशन से जुड़े सामाजिक संगठन 'मुस्कान ग्रुप' के स्वयंसेवक संदीपन आर्य ने बताया कि आसवानी के मरणोपरांत अंगदान से मिले दो गुर्दे, यकृत और आंखें स्थानीय अस्पतालों में जरूरतमंद मरीजों को प्रत्यारोपित किए जाएंगे. चश्मदीदों ने बताया कि अपनी मौत के बाद अंगदान से पांच लोगों को नई जिंदगी देने वाले आसवानी के शव को शहर के विशेष जूपिटर हॉस्पिटल से पूरे सम्मान के साथ अंतिम यात्रा के लिए रवाना किया गया. चश्मदीदों के मुताबिक, मध्यप्रदेश सशस्त्र पुलिस के जवानों ने दिवंगत आसवानी को बिगुल बजाकर सलामी दी. इस दौरान स्थानीय लोकसभा सांसद शंकर लालवानी और अस्पताल के चिकित्सक व अन्य कर्मी भी मौजूद थे.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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