MP उपचुनावों के पहले पूर्व CM कमलनाथ ने लगाए आरोप- विधायकों को खरीदने की कोशिश में BJP

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भारतीय जनता पार्टी पर राज्य में कांग्रेस के विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगाया है. उनका दावा है कि बीजेपी ने कई विधायकों से संपर्क किया है.

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नई दिल्ली:

नवंबर के शुरुआत में होने वाले मध्य प्रदेश उपचुनावों (Madhya Pradesh Bypolls) को लेकर यहां राजनीतिक सरगर्मी तेज है. बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. इसी बीच प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) ने भारतीय जनता पार्टी पर राज्य में कांग्रेस के विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगाया है. उनका दावा है कि बीजेपी ने कई विधायकों से संपर्क किया है.

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, कमलनाथ ने कहा, 'BJP को स्पष्ट लग रहा है कि इस चुनाव के क्या परिणाम आने वाले हैं. 10 नवंबर का इतना डर लग रहा है कि वे फिर से बाज़ार में चल पड़े हैं कि जो मिल जाए उसे खरीद लो. मुझे कई विधायकों के फोन आए हैं कि BJP उनको फोन कर रही है और ऑफर दे रही है.'

उन्होंने कहा, 'मार्च महीने में मैंने सौदेबाजी की राजनीति से इंकार कर दिया था, सौदेबाजी की राजनीति मैं भी कर सकता था. मैंने चुनाव आयोग को आज पत्र लिखा है कि ये चुनाव निष्पक्ष होना चाहिए.'

बता दें कि मार्च में ही पूर्व कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने कई समर्थित विधायकों के साथ मिलकर बीजेपी जॉइन कर लिया था, जिससे कि कमलनाथ की सरकार गिर गई थी और शिवराज सिंह चौहान को एक बार फिर सरकार बनाने का मौका मिल गया था. कांग्रेस के लिए यह चुनाव इसलिए भी अहम है क्योंकि सत्ता खोने के बाद कमलनाथ वापस अपनी जमीन मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं.

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कांग्रेस के लिए मुश्किल यह भी है कि अभी तक उसके चार विधायक बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. रविवार को दमोह से कांग्रेस विधायक राहुल लोधी इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए. इससे पहले, जुलाई में मंधाता से नारायण पटेल, बड़ा मलहरा से प्रद्युम्न सिंह लोधी और नेपानगर से विधायक सुमित्रा देवी कासडेकर ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था और बाद में बीजेपी में शामिल हो गए थे.

3 नवंबर को 230 सीटों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा की 28 सीटों पर मतदान होना है. मतों की गणना 10 नवंबर को होनी है. उपचुनावों के पहले मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पिछले दिनों कोरोनावायरस को देखते हुए शारीरिक रूप से चुनावी कैंपेन या रैली करने पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद यह मामला चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट ले गया था. सोमवार को अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दिया है और कहा है कि चुनाव आयोग इस स्थिति में नेतृत्व करे और सुनिश्चित करे कि उसके सभी नियमों का पालन हो.

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Video: प्राइम टाइम: मध्यप्रदेश में 3 नवंबर को 28 सीटों पर उपचुनाव

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