- 21 वर्षीय अनुज परिवार के आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए मई में स्टडी वीजा पर रूस गया था.
- रूस में एक एजेंट ने अनुज को 52 लाख रुपए का लालच दिया, सेना में भर्ती कराया और लड़ाई में भेजा दिया.
- अनुज ने 10 दिन की ट्रेनिंग पूरी की थी. 13 अक्टूबर के बाद से परिवार उससे कोई संपर्क नहीं कर पाया है.
ये कहानी है 21 साल के अनुज की. अनुज इसी साल मई में स्टडी वीजा पर रूस पहुंचा था, उम्मीद थी कि वहां जाकर के काम मिल जाएगा और अपने परिवार की माली हालत को ठीक कर देगा. अनुज रूस पहुंचा, उसे काम भी मिला, लेकिन वहां एक एजेंट ने 52 लाख रुपए का लालच दिया. बस यहीं अनुज एजेंट के जाल में फंस गया. उसे 10 दिन की ट्रेनिंग के बाद उसे लड़ाई में भेज दिया गया. परिवार के लोगों ने बताया कि 13 अक्टूबर के बाद से उसकी कोई खबर नहीं है. अब परिवार अनुज को वापस भेजे जाने की गुहार लगा रहा है.
करनाल के घरौंडा गांव में अनुज के परिवार में कोहराम मचा है. अनुज अपने परिवार की माली हालत सुधारने के लिए 6 लाख रुपए एजेंट को देकर रूस पहुंचा था. वहां पर एक जिम में काम भी करने लगा था. हालांकि कुछ ही दिनों में एक और एजेंट ने उसके साथ कुछ अन्य युवाओं को बहलाया और रूस की आर्मी में भर्ती होने के लिए कहा. कई भर्ती हुए और कई लोगों ने मना भी कर दिया.
10 दिन की ट्रेनिंग के बाद लड़ाई में भेजा
इसके बाद उन एजेंटों ने दोबारा कोशिश की और इस बार 52 लाख रुपए का लालच दिया. साथ ही कहा कि धीरे-धीरे करके खातों में यह राशि आ जाएगी, जिसके बाद अनुज भी उनकी बातों में आ गया और रूस आर्मी में भर्ती हो गया. उसे 10 दिन की ट्रेनिंग मिली और फिर लड़ाई में भेज दिया गया.
परिवार के लोगों ने बताया कि 13 अक्टूबर को आखिरी बार घर पर अनुज की बात हुई थी और उसने बताया था कि हमें अब रेड जोन यानी फ्रंट लाइन में भेज रहे हैं, जिसके बाद उसकी अब तक कोई बात नहीं हुई है. कई युवा भारत वापिस भी आ गए हैं, जो पहले से वहां फंसे हुए थे पर कई युवा अभी भी वहां फंसे हुए हैं जिसमें अनुज भी है और वो मिसिंग है.
अनुज को भारत वापस भेजने की अपील
परिवार के लोगों ने अनुज को भारत वापस भेजने की अपील की है. इसके लिए उन्होंने काफी प्रयास किया और कई जगहों पर गुहार भी लगाई है. परिवार ने कहा कि हमने मेल किया है, धरने दिए हैं. पीएमओ से भी संपर्क किया है, लेकिन अनुज की कोई जानकारी नहीं मिली है. उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत के रूस के साथ अच्छे संबंध हैं, इसलिए उन्हें उम्मीद है कि रूस उनकी बात को सुनेगा.














