हरियाणा के गुरुग्राम में आयोजित शहरी स्थानीय निकायों के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान बृहस्पतिवार को लखनऊ, पुणे और इंदौर नगर निगमों को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले शहरी स्थानीय निकायों के रूप में मान्यता दी गई. गुरुग्राम के मानेसर में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के शहरी स्थानीय निकायों के राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन में, इन शहरों के जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने अन्य राज्यों के समकक्षों के साथ अपनी उन सर्वोत्तम कार्य प्रणाली को साझा किया, जिससे नवीन शहरी विकास रणनीतियों के सहयोगात्मक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिला.
लखनऊ ने अपशिष्ट संग्रहण के लिए डीजल या पेट्रोल से चलने वाले वाहनों के स्थान पर ई-वाहनों के उपयोग, उच्च क्षमता वाले अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्रों की स्थापना और डंपिंग स्थलों (कूड़ा डालने वाले स्थलों) को राष्ट्रीय प्रेरणा केंद्रों में बदलने जैसी पहल को रेखांकित किया.
इसी तरह, मध्यप्रदेश के इंदौर नगर निकाय ने जीपीएस से लैस कचरा संग्रहण वाहन, 'सफाई मित्र' कार्यबल और स्वच्छता बनाए रखने में सक्रिय सार्वजनिक भागीदारी की प्रस्तुति दी.
इस कार्यक्रम को संबोधित करने वाले गणमान्य व्यक्तियों में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण शामिल थे. लखनऊ की महापौर सुषमा खरकवाल ने कहा कि लगभग 50 लाख की आबादी के बावजूद उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ शून्य अपशिष्ट शहर के रूप में उभरी है.
शहर ने 'मियावाकी' पद्धति (शीघ्र वन क्षेत्र विकसित करने के लिए वृक्षारोपण की जापानी पद्धति) का उपयोग करके शहरी वनों का विकास किया है तथा सड़कों की सफाई के लिए सफाई मशीनों की तैनाती की है. राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान, पुणे नगर आयुक्त पुनीत राज और वार्ड पार्षदों ने वार्ड स्तर पर बायोगैस संयंत्रों से अपशिष्ट संग्रहण और बिजली उत्पादन की प्रस्तुति दी.
हरियाणा के मुख्यमंत्री सैनी ने शहरी स्थानीय निकायों को लोकतंत्र की आधारभूत संस्थाएं तथा ‘‘प्रथम विद्यालय और नर्सरी'' करार दिया. उन्होंने कहा, ‘‘स्थानीय स्तर पर लोकतंत्र की जड़ें जितनी गहरी होंगी, हमारा राष्ट्र उतना ही मजबूत होगा.''
सैनी ने गुरुग्राम को शहरी विकास का मॉडल बताया और कहा कि 180 किलोमीटर लंबे कुंडली-मानेसर-पलवल कॉरिडोर पर पंच ग्राम योजना के तहत पांच ऐसे आधुनिक शहर बसाए जा रहे हैं.