उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ राज्य में फिलहाल कोरोनावायरस की दूसरी लहर से सबसे ज्यादा प्रभावित नजर आ रहा है. राज्य में जितने भी संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं, उनमें से 40-50 फीसदी अकेले लखनऊ से आ रहे हैं. मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है. स्थिति ऐसी है कि यहां शवदाह गृह में शवों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिसके चलते अपने परिजन का संस्कार कराने आ रहे लोगों को टोकन लेना पड़ रहा है.
लखनऊ के बैकुंठ धाम विद्युत शवदाह गृह में कोरोना से मरने वाले लोगों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. यहां शवों की संख्या लगातार बढ़ जा रही है, जिसके चलते लोगों को टोकन भी दिए जा रहे हैं. यहां काम करने वाले कर्मचारी मुन्ना से बात करने पर पता चला कि यहां एक दिन में 22-23 शव आ रहे हैं. इनमें से लखनऊ और आसपास के इलाकों से शव आ रहे हैं.
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इस नौकरी के बदले महज 6,000 की पगार पाने वाले मुन्ना ने बताया कि यहां अधिकतर परिजन अपने मृत संबंधी का संस्कार कराने आते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनमें कोविड को लेकर दहशत होती है और वो अंदर नहीं आते, बस संस्कार के लिए शव सौंप देते हैं. उन्हें अगले दिन अस्थियां दे दी जाती हैं. वैसे यहां पर एक बार में परिवार के पांच लोगों के आने की गाइडलाइन है.
मुन्ना ने बताया कि वो होली के बाद से अपने घर नहीं गए हैं. सभी कर्मचारी यहां सुबह 9 बजे से लेकर रात से लेकर भोर तक काम करते हैं, लेकिन फिर वहीं सो जाते हैं, घर नहीं जाते क्योंकि उन्हें डर है कि अगर उन्हें कोविड हुआ तो इससे उनका परिवार भी संक्रमित हो सकता है.