लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) से पहले देश की दो बड़ी पार्टियां BJP और कांग्रेस (Congress) भारत के आर्थिक हालात (Indian Economy) पर आमने-सामने की लड़ाई में उतर आई हैं. मोदी सरकार (Modi Government) ने अपने अंतरिम बजट (Interim Budget 2024) में कहा था कि वो UPA सरकार के 2004 से 2014 के कार्यकाल पर श्वेत पत्र (White Paper) लाएगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने लोकसभा में गुरुवार को श्वेत पत्र पेश कर दिया. लोकसभा में शुक्रवार को श्वेत पत्र पर बहस होगी, जबकि राज्यसभा में इसपर शनिवार को चर्चा होनी है. मोदी सरकार के श्वेत पत्र से पहले कांग्रेस ने श्याम पत्र यानी ब्लैक पेपर (Congress Black Paper) जारी किया. कांग्रेस ने मोदी सरकार के बीते 10 सालों 2014 से 2024 के बीच की कई नाकामियां गिनाईं.
श्वेत पत्र एक रिपोर्ट, गाइड, रिसर्च बेस्ड पेपर या औपचारिक सरकारी दस्तावेज होता है. यह किसी विषय या समस्या के समाधान और सरकार की नीतियों के बारे में एक्सपर्ट के एनालिसिस के आधार पर पेश किया जाता है. चूंकि ये सफेद कवर में बंधा होता है. इसलिए इसे श्वेत पत्र कहते हैं. वैसे इसमें सभी तथ्य होते हैं, लेकिन इसकी कोई कानूनी अहमियत नहीं होती.
मोदी सरकार के श्वेत पत्र में मनमोहन सिंह सरकार में हुए घोटालों से लेकर 2014 के पहले कमजोर अर्थव्यवस्था का जिक्र किया है. UPA सरकार की तमाम कमियां गिनाने के बाद मोदी सरकार ने बताया कि कैसे 2014 के बाद अर्थव्यवस्था बेहद मजबूत स्थिति में आ गई है. आज भारत दुनिया की 5 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाने लगा है.
श्वेत पत्र में UPA सरकार और मोदी सरकार में बताया ये फर्क:-
- UPA काल में देश 'कमज़ोर पांच' अर्थव्यवस्थाओं में था, अब 'शीर्ष पांच' अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है.
- तब 2G घोटाला हुआ था और अब सबसे तेज़ 5G रोल आउट हुआ है.
- तब कोलगेट घोटाला हुआ और अब ट्रांसपरेंट नीलामी का सिस्टम है.
- तब महंगाई दो अंकों में थी और अब 5% से नीचे है.
- तब विदेशी मुद्रा संकट था. अब 620 अरब डॉलर से अधिक का रिकॉर्ड विदेशी मुद्रा भंडार है.
- तब पॉलिसी पैरालिसिस थी. अब 'निवेश, विकास, रोज़गार, उद्यमिता और बचत' है.
- तब विकास कार्यक्रमों का छिटपुट कवरेज होता था. अब सभी के सशक्तीकरण के साथ सैच्युरेशन कवरेज होता है.
- तब गतिहीनता थी, अब हासिल की गई प्रगति है.
- तब 12 दिनों का राष्ट्रमंडल खेल घोटालों से भरा था. अब 2023 में साल भर G-20 की सफल अध्यक्षता हुई.
- तब अर्थव्यवस्था में ट्विन बैलेंस शीट की समस्या थी. अब अर्थव्यवस्था को कंपनियों और बैंकिंग क्षेत्र के लिए के साथ ट्विन बैलेंस शीट लाभ में बदल दिया.
मोदी सरकार के श्वेत पत्र के तीन भाग
पहला: UPA सरकार के दौरान आर्थिक हालत की चर्चा.
दूसरा: UPA सरकार के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार.
तीसरा: NDA सरकार के दौरान बदली हालत.
श्वेत पत्र में UPA के 10 साल में बैंकिंग बदहाली का जिक्र
-बहुत ज़्यादा ऋण देने की वजह से बैंकिंग बीमार.
-वाजपेयी सरकार आई तो NPA अनुपात 16% था.
-वाजपेयी सरकार के जाते समय NPA अनुपात 7.8% था.
-यूपीए के समय बढ़ा राजनीतिक हस्तक्षेप.
-12.3% तक चला गया NPA अनुपात.
-2004 में बैंकों का सकल अग्रिम 6.6 लाख करोड़ था.
-मार्च 2012 में बैंकों का सकल अग्रिम 39 लाख करोड़ हुआ.
-कम ब्याज अनुपात वाली 200 कंपनियों पर 8.6 लाख करोड़ बक़ाया.
-इनमें 44% को अब तक डूबा हुआ क़र्ज़ नहीं माना गया.
श्वेत पत्र में मोदी सरकार ने UPA सरकार में हुए घोटालें भी गिनाए
-कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला
-कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला
-2 जी घोटाला
-शारदा चिटफ़ंड घोटाला
-INX मीडिया मामला
-एयरसेल मैक्सिस केस
-एंट्रिक्स देवास डील
-लैंड फॉर जॉब स्कैम
-पंचकूला-गुड़गांव ज़मीन मामला
-जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन केस
-एम्ब्रेयर डील
-पिलाटस बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ़्ट डील
-हॉक विमान खरीद मामला
-आदर्श हाउसिंग मामला
-ऑगस्ता मामला
कांग्रेस के ब्लैक पेपर में क्या?
कांग्रेस ने अपने ब्लैक पेपर- '10 साल...अन्याय काल' में मोदी सरकार की 10 कमियां गिनाईं:-
1. बढ़ती बेरोज़गारी
- कांग्रेस ने बताया कि 45 साल में सबसे ज़्यादा बेरोज़गारी बढ़ी. करीब 33% ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट बेरोज़गार हैं. 2012 में 1 करोड़ बेरोज़गार थे, जबकि 2022 में 4 करोड़ बेरोज़गार हो गए. करीब 10 लाख सरकारी पद खाली हैं.
2. बढ़ती महंगाई
-कांग्रेस ने ब्लैक पेपर में महंगाई के आंकड़ें भी दिए. कांग्रेस ने बताया कि 2014 में एलपीजी सिलिंडर 410 रुपये का मिलता था. 2024 में एलपीजी सिलिंडर 903 रुपये का मिलता है. 2014 में पेट्रोल 71 रुपये लीटर था. 2024 में पेट्रोल 87 रुपये लीटर है. 2014 में दूध 35 रुपये लीटर मिलता था. 2024 में दूध 60 रुपये लीटर मिलता है.
3. किसानों का संकट
- कांग्रेस ने किसानों से वादे पूरे न करने के आरोप लगाए हैं. ब्लैक पेपर में MSP की गारंटी पूरी न करने के आरोप हैं. कृषि सब्सिडी में कमी का आरोप लगाया गया है.
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4. मज़दूरों/श्रमिकों का संकट
-कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इन 10 सालों में लोगों की आमदनी न के बराबर बढ़ी है. नोटबंदी, मेक इन इंडिया असफल रहा.
5. SC/ST/OBC के खिलाफ अत्याचार
-SC/ST के खिलाफ अत्याचार बढ़े हैं. एमपी, यूपी में OBC के खिलाफ सबसे ज़्यादा अत्याचार बढ़ा है. आदिवासियों के हक पर हमला हुआ है.
6. महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार
-2022 में करीब 4 लाख 45 हज़ार मामले दर्ज थे. 2022 में एक दिन में औसतन 86 बलात्कार हुए. महिला श्रम बल भागीदारी (24%) दुनिया में सबसे कम है.
7. बिगड़ता सामाजिक सद्भाव
-कांग्रेस ने कहा कि जानबूझकर धार्मिक अल्पसंख्यकों पर निशाना साधा जा रहा है. हेट स्पीच के मामले बढ़े हैं. पीएम पर शांति की अपील न करने के आरोप भी लगाए गए हैं.
8. संस्थाओं का दुरुपयोग
-कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह धन बल से चुनी हुई सरकारों को अस्थिर करती है. ब्लैक पेपर में कांग्रेस ने मोदी सरकार पर ईडी, सीबीआई, चुनाव आयोग के दुरुपयोग का आरोप लगाया है. संसद में विपक्षी सांसदों के रिकॉर्ड निलंबन का भी जिक्र किया गया है.
9. चीन का मुद्दा
-कांग्रेस ने कहा कि चीन को पीएम मोदी की क्लीन चिट मिली है. चीन के लिए मोदी सरकार ने DDLJ नीति अपनाई. यानी Deny, Distract, Lie and Justify की पॉलिसी.
10. राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा
-कांग्रेस ने पुलवामा अटैक, पेगासस मामले और पूर्वोत्तर में अशांति और अस्थिरता का ज़िक्र किया है. रक्षा बजट में कटौती का भी जिक्र किया गया है. जबकि अग्निपथ योजना को फेल बताया गया है.
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