युवा वोटरों की संख्या बढ़ाने पर खूब सरकारी ज़ोर दिखता रहा है पर ये सफल कितना हो पाया ये कहना मुश्किल है. चार लोकसभा सीटों वाले मुंबई उपनगर का आंकड़ा बताता है कि जनसंख्या का सिर्फ़ 0.5% ही फर्स्ट टाइम वोटर है. यह आंकड़ा कम से कम 3% होना चाहिए. ऐसे में अब हाउसिंग सोसाइटीज (Housing Societies) में भी रजिस्ट्रेशन कैंप लग रहे हैं. युवाओं को वोटिंग लिस्ट में जोड़ने की क्या क्या कोशिशें चल रही हैं. 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए नामांकन करने वाले “पहली बार वाले मतदाताओं” की संख्या बहुत उत्साहजनक नहीं है. आर्थिक राजधानी का एक आंकड़ा कुछ ऐसा ही कहता है.
मुंबई उपनगर में है चार लोकसभा की सीटें
मुंबई उपनगर देश का एकमात्र जिला है जहां चार लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र हैं, उत्तर-मध्य, उत्तर-पश्चिम, उत्तर और उत्तर-पूर्व लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र पर यहां फर्स्ट टाइम वोटर्स का नामांकन कुल आबादी का लगभग 0.5% ही है. बताया जाता है कि आदर्श संख्या कुल जनसंख्या का 3% माना जाता है. जनवरी की शुरुआत में जहां 18,000 पहली बार के मतदाता पंजीकृत थे. संख्या 55,000 तक पहुंच गई. पर अब भी बड़े अभियान चल रहे हैं ताकि इनकी संख्या बढ़े. हम बोरिवली की एक हाउसिंग सोसाइटी में हैं जहां भारतीय जानता पार्टी युवा मोर्चा की ओर से रजिस्ट्रेशन कैम्प लगाया गया है.
बीजेपी युवा मोर्चा की तरफ से लगाया जा रहा है कैंप
अवेयरनेस नहीं है, घर और स्कूल के समय से ही सिखाना चाहिये की वोट करना मस्ट है. तभी युवाओं को लगेगा कि ये भी ज़रूरी है, हमें हर चीज़ फ़ास्ट चाहिए इसलिए इतना पेपर वर्क टाइम वेस्ट लगता है, इंस्टाग्राम सोशल मीडिया इंफ्ल्यूएंसर से बुलवाना चाहिए, अभियान चलाना चाहिए. भारतीय जनता युवा मोर्चा मुंबई में लगातार ऐसे कैंप लगा रही है कहती है वोट भले किसी को भी जाये पर युवा वोटरों की संख्या बढ़ाना अभियान का बड़ा लक्ष्य है, सोसाइटीज भी साथ दे रही हैं. बीजेपी युवा मोर्चा के नेता नैनेश शाह ने कहा कि “किसी भी पार्टी को वोट करना चाहते हैं बस वोट ज़रूर करें. इसलिए कैंप लगा रहे हैं, युवाओं को प्रोत्साहित करने का अभियान है.”
सोसाइटी चेयरमैन प्रथमेश शाह बताते हैं कि हम घर जा जा कर लोगों को बुला रहे हैं कि भले नोटा को वोट दो लेकिन ज़रूर दो. मुंबई में कुल 6 लोकसभा सीटें हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए चार लोकसभा सीटों वाले मुंबई उपनगरीय इलाक़े में मतदाताओं की कुल संख्या लगभग 72 लाख बताई गई है, जबकि 2019 के चुनाव में यह 68 लाख थी. संख्या बढ़ाने के लिए वोटर्स जोड़ने का अभियान तेज़ है.
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