इस लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2024) में बसपा (BSP) के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद (Akash Anand) के भाषण सुर्खियां बटोर रहे हैं. पिछले कई चुनाव से सुस्त पड़े बसपा के मतदाताओं में आकाश आनंद के भाषण नया जोश भर रहे हैं.इससे बसपा कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार हो रहा है. आकाश आनंद बसपा प्रमुख मायावती (Maywati) के उत्तराधिकारी हैं.इसकी घोषणा मायावती ने 10 दिसंबर 2023 को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक में की थी.लेकिन आकाश आनंद इसके बहुत पहले से ही अपनी बुआ के साथ पार्टी के कार्यक्रमों में नजर आ रहे थे.
आकाश आनंद बसपा प्रमुख मायावती के भाई आनंद के लड़के हैं. अब 28 साल के हो चुके आकाश आनंद की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई नोएडा में हुई. उन्होंने लंदन से एमबीए की पढ़ाई की है.मार्च 2024 में आनंद की शादी बसपा के वरिष्ठ नेता अशोक सिद्धार्थ की बेटी प्रज्ञा से हुई. परिवार का माहौल आकाश को राजनीति में ले आया है.
राजनीतिक पारी का आगाज
आकाश पहली बार 22 साल की उम्र में 2017 में सहारनपुर की एक रैली में अपनी बुआ मायावती के साथ नजर आए थे.उन्होंने पहली बार जनवरी 2019 में आगरा में किसी राजनीतिक रैली को संबोधित किया.यह बसपा, सपा औ रालोद की संयुक्त रैली थी.उस समय बसपा, सपा और रालोद ने भाजपा और कांग्रेस के विरोध में हाथ मिलाया था.आकाश को 2020 में पार्टी का नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया गया था. बीते साल की शुरूआत में बसपा ने अपनी नीतियों में बदलाव करते हुए पदयात्रा का आयोजन किया. आकाश आनंद ने 14 दिन की 'सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय' संकल्प यात्रा की थी.
सफेद कमीज और नीली पैंट और कान टॉप्स पहने आकाश आनंद में उनके समर्थक मायावती की छवि देखते हैं. आकाश अपने भाषणों में दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़े वोटरों को साधते नजर आते हैं. नगीना, आगरा और संतकबीर नगर में दिए भाषण की इन दिनों जमकर चर्चा हो रही है.नगीना में दिए भाषण में उन्होंने आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर को निशाने पर लिया था. वहीं आगरा में दिए भाषण में उन्होंने भाजपा को निशाने पर रखा. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेता दलित समाज को 12 हजार रुपये के बदले ढाई लाख का चूना लगा रहे हैं.
आकाश पर 'आकाश' जैसी जिम्मेदारी
संतकबीर नगर में आकाश ने कहा कि राम मंदिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बना है. इसमें जनता का पैसा इसमें लग रहा है. इसका भाजपा से कोई मतलब नहीं है. उन्होंने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा राम मंदिर का क्रेडिट कैसे जनता से मांग सकती है? ये लोग कहते हैं कि ये लोग रामलला को अयोध्या लेकर आए. उन्होंने कहा, तुम होते कौन हो राम को धरती और भारत में लाने वाले. राम भगवान हैं और तुम इंसान हो. अपनी औकात मत भूलना.भारतीय जनता पार्टी को काफी घमंड हो गया है.''
पिछले कई चुनाव से बसपा की लोकप्रियता का ग्राफ काफी गिरा है. इसका असर उसे मिलने वाले वोटों पर भी पड़ा है. ऐसे में आकाश पर अपने खोए हुए जनाधान को बटोरने और पार्टी में जान फूंकने की जिम्मेदारी है.
बसपा ने लोकसभा चुनाव में सबसे अच्छा प्रदर्शन 1998 के चुनाव में किया था, जब उसे 34.4 फीसदी वोट मिले थे. वहीं पिछले लोकसभा चुनाव में उसे 22 फीसदी से अधिक वोट मिले थे. लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले हुए उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बसपा ने अबतक का सबसे खराब प्रदर्शन किया.
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