तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) ने शुक्रवार को सहयोगी दलों वीसीके और एमडीएमके के साथ सीट-बंटवारा व्यवस्था को अंतिम रूप दिया तथा दोनों पार्टियों के साथ 2019 के समझौते को दोहराया. विदुथलाई चिरुथिगल काची (VCK) को दो सीटें आवंटित की गईं. दोनों आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र हैं. वाइको के नेतृत्व वाली मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कषगम (MDMK) को गठबंधन के प्रमुख भागीदार द्वारा एक सीट दी गई. साल 2019 में एमडीएमके को एक राज्यसभा सीट भी दी गई थी.
वीसीके और एमडीएमके के संस्थापकों, थोल तिरुमावलवन और वाइको ने यहां सत्तारूढ़ पार्टी के मुख्यालय अन्ना अरिवलयम में डीएमके अध्यक्ष और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के साथ सीट-बंटवारा समझौते को अंतिम रूप दिया और हस्ताक्षर किए.
तिरुमावलवन ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी चिदंबरम और विल्लुपुरम से चुनाव लड़ेगी. वर्तमान में इन दोनों लोकसभा सीटों का प्रतिनिधित्व पार्टी के सांसद करते हैं. तिरुमावलवन पांच साल पहले चिदंबरम से निर्वाचित हुए थे.
वीसीके नेता ने कहा कि पार्टी ने सामान्य श्रेणी की एक सहित कम से कम तीन सीटों की मांग की थी, लेकिन तमिलनाडु और भारत की राजनीतिक स्थिति को देखते हुए और इस बार भी डीएमके के नेतृत्व वाले गठबंधन की जीत सुनिश्चित करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, दो आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों के लिए समझौता किया.
एमडीएमके के संस्थापक वाइको ने कहा कि सीट-बंटवारे का समझौता हो चुका है और एक मात्र निर्वाचन क्षेत्र जहां से उनकी पार्टी चुनाव लड़ेगी, उसकी घोषणा बाद में की जाएगी. वाइको ने कहा कि सीट-बंटवारे के समझौते को अंतिम रूप दे दिया गया और स्टालिन और उन्होंने खुद इस पर हस्ताक्षर किए. उन्होंने कहा कि वे इस व्यवस्था से ‘‘संतुष्ट'' हैं.
डीएमके ने अब तक वीसीके और एमडीएमके के अलावा सहयोगी दलों मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) और कोंगुनाडु मक्कल देसिया कच्ची (KMDK) के साथ सीट-बंटवारे के समझौते को अंतिम रूप दे दिया है. कांग्रेस के साथ उसका समझौता होना अभी बाकी है.
डीएमके तमिलनाडु में बहुदलीय धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील गठबंधन (SPA) का नेतृत्व करती है और उसने 2019 के चुनावों में राज्य की 39 लोकसभा सीट में से 38 पर जीत हासिल की थी. डीएमके ने पुडुचेरी संसदीय सीट पर भी जीत हासिल की थी.