लोकसभा चुनाव 2024 : क्या सांसदों का टिकट काटने से निकल पाएगा BJP की जीत का फ़ॉर्मूला...?

BJP की इसी रणनीति को इस बार कुछ और पार्टियों ने भी अपनाया है. इस बार के पहले चरण के तहत 102 सीटों में से कांग्रेस को 2019 में 15 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. कांग्रेस ने भी इस बार अपने इन 15 सांसदों में से 47 फीसदी का टिकट काट दिया.

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लोकसभा चुनाव में इस वजह से टिकट काट रही हैं पार्टियां
नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के तहत आज वोटिंग हुई. आम चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) इस बार 400 के पार का नारा दे रही है. पार्टी का लक्ष्य है कि वह इस बार के चुनाव में अपने बल पर 370 सीटों से ज्यादा जीतेगी, वहीं NDA गठबंधन के लिए 400 सीटों का लक्ष्य रखा गया है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए BJP कई तरह की रणनीति पर काम कर रही है. 

इस आम चुनाव में BJP की सबसे अहम रणनीति है पुराने उम्मीदवारों की जगह पर नए चेहरों को मौका देना. यही वजह है कि पहले चरण के 102 सीटों में से 2019 में जिन 40 सीटों पर पार्टी को जीत हासिल हुई थी. बीजेपी ने इस बार इन सभी 40 जीते सांसदों में से कुल 50 फीसदी सांसदों का टिकट काट दिया है. यानी बीजेपी ने इस बार 20 सीटों पर नए चेहरों को मौका दिया है.

BJP की इसी रणनीति को इस बार कुछ और पार्टियों ने भी अपनाया है. इस बार के पहले चरण के तहत 102 सीटों में से कांग्रेस को 2019 में 15 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. कांग्रेस ने भी इस बार अपने इन 15 सांसदों में से 47 फीसदी का टिकट काट दिया. इसी तरह पहले चरण के तहत जिन 102 सीटों पर आज मतदान हुआ है उनमें से 24 सीटों पर डीएमके को 2019 में जीत हासिल हुई थी. लेकिन डीएमके ने भी इस बार अपने 24 सांसदों में से 54 फीसदी का टिकट काट दिया है. 

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माना जा रहा है कि इन पार्टियों ने अपने मौजूदा सांसदों के टिकट को बीजेपी की उसी रणनीति के तहत काटा है जिसके तहत वह जनता के मूड को पहले भांपती है और उसके बाद नए उम्मीदवारों को उतारती है ताकि जनता नए चेहरों पर भरोसा जता सकें. 

आपको बता दें कि ऐसा नहीं है कि बीजेपी ने मौजूदा सांसदों के टिकट काटने का फैसला पहली बार किया हो. चुनाव से पहले बीजेपी बड़े फैसले लेने के लिए शुरू से ही जानी जाती रही है. पार्टी जनता का मूड समझने के लिए समय समय पर आंतरिक सर्वे करवाती रहती है. और इसी सर्वे के मुताबिक वह यह तय करती है कि वो आगामी चुनाव में किस रणनीति के साथ उतरेगी. और खास बात ये है कि बीजेपी को अपनी इस रणनीति में बीते कई चुनाव में सफलता हाथ लगी है. यही वजह है कि अब दूसरी पार्टियां भी बीजेपी की इस रणनीति को अपनाने में आगे दिख रही हैं. 

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