लोकसभा चुनाव 2024 : TMC और BJP को बंगाल में दलबदलुओं पर भरोसा

तृणमूल कांग्रेस ने अपने 42 उम्मीदवारों की सूची में चार दलबदलुओं को शामिल किया है. वहीं भाजपा ने अब तक घोषित 40 प्रत्याशियों में पांच दलबदलुओं को जगह दी है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
पश्चिम बंगाल में 2019 में TMC ने 22 और BJP ने 18 सीटें जीती थीं.
कोलकाता :

पश्चिम बंगाल में आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दोनों ही कुछ सीटों पर उम्मीदवारों के चयन में अनुभवी नेताओं के बजाय दलबदलुओं पर भरोसा जताने की रणनीति अपना रही हैं, जिससे उनके वफादार समर्थकों में असंतोष पैदा हो रहा है. तृणमूल कांग्रेस ने अपने 42 उम्मीदवारों की सूची में चार दलबदलुओं को शामिल किया है जो या तो अन्य पार्टियों से निर्वाचित प्रतिनिधि हैं या हाल के वर्षों में पार्टी में शामिल हुए हैं.

पार्टी की उम्मीदवार सूची में तीन अन्य नाम ऐसे हैं जो वर्तमान में टीएमसी के सांसद या विधायक हैं लेकिन उनका भी विभिन्न दलों से जुड़े रहने का इतिहास रहा है. 

भाजपा ने इसके विपरीत अब तक घोषित 40 प्रत्याशियों में पांच दलबदलुओं को जगह दी है.

दोनों दलों ने अपने फैसलों को सही ठहराते हुए ‘जीतने की क्षमता और राजनीतिक रणनीति' को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है.

हालांकि, दूसरे दलों से आए लोगों को खड़ा करने के कारण तृणमूल कांग्रेस और भाजपा दोनों के खिलाफ कुछ क्षेत्रों में विरोध और असंतोष शुरू हो गया है. दलबदलुओं को उम्मीदवार बनाने से जुड़े जोखिमों को स्वीकार करते हुए दोनों पार्टियों के नेता कहते हैं कि ‘उनकी निष्ठा की कोई गारंटी नहीं है'.

तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि हमारे पास उम्मीदवार के रूप में सक्षम नेताओं की कमी है. हालांकि, राजनीति में अनेक पहलुओं पर विचार किया जाना चाहिए. जीतने की क्षमता और पार्टी की रणनीति सर्वोपरि है.''

2019 में TMC ने 22 और BJP ने 18 सीटें जीती 

पिछले लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने 22 और भाजपा ने 18 सीटों पर जीत हासिल की थी, वहीं कांग्रेस को दो सीटों से संतोष करना पड़ा था.

तृणमूल कांग्रेस ने निवर्तमान सांसदों में से 16 को दोबारा उम्मीदवार बनाया है, लेकिन सात को फिर से मैदान में नहीं उतारा. इस बार उम्मीदवार सूची में 26 नए चेहरे हैं जिनमें 11 राजनीति में नए हैं. पिछली बार चुनाव हार गए किसी भी नेता को इस बार उम्मीदवार नहीं बनाया गया है.

Advertisement

टीएमसी द्वारा मैदान में उतारे गए दलबदलुओं में बिस्वजीत दास, मुकुटमणि अधिकारी और कृष्णा कल्याणी प्रमुख हैं, जो क्रमशः बोंगांव, राणाघाट और रायगंज लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं.

TMC में शामिल, लेकिन विधानसभा से नहीं दिया इस्‍तीफा

तीनों इस समय भाजपा विधायक हैं और हाल में टीएमसी में शामिल हो गए लेकिन उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया है.

Advertisement

बैरकपुर से भाजपा सांसद अर्जुन सिंह दो साल पहले टीएमसी में शामिल होने के बाद पिछले महीने भगवा खेमे में लौट आए थे. उनको फिर से पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है. तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज विधायक तापस राय उम्मीदवार चयन को लेकर असहमति के कारण भाजपा में शामिल हो गए और पार्टी ने उन्हें कोलकाता उत्तर से मैदान में उतारा है. साल 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए टीएमसी विधायक शीलभद्र दत्ता को पार्टी ने दमदम लोकसभा सीट पर अपना उम्मीदवार चुना है.

शुभेंदु अधिकारी के छोटे भाई सौमेंदु अधिकारी भी तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए और पार्टी के उम्मीदवार हैं.

ये भी पढ़ें :

* पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में तूफान से भारी तबाही, 5 की मौत सैंकड़ों हुए बेघर
* अप्रैल के पहले सप्ताह में बंगाल में तीन चुनावी रैलियों को संबोधित कर सकते हैं प्रधानमंत्री मोदी
* अलीपुरद्वार सीट को लेकर BJP की आंतरिक कलह, क्या TMC को मिल सकता है फायदा?

Advertisement
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Jammu Kashmir में एक और आतंकी हमला, 48 घंटे में पांच आतंकी वारदाते | NDTV GROUND REPORT
Topics mentioned in this article