कर्नाटक में गुलबर्गा एक प्रमुख शहर है. गुलबर्गा पहले हैदराबाद के अंदर आता था. 1956 के राज्य के पुनर्गठन अधिनियम में नवगठित मैसुरु राज्य (वर्तमान में कर्नाटक) में शामिल किया गया. गुलबर्गा कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों में शामिल है. इसमें वर्तमान में 8 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इस निर्वाचन क्षेत्र में विधानसभा क्षेत्रों में से सिर्फ गुलबर्गा ग्रामीण और चितापुर ही समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं.
यह अनुसूचित जाति (SC) कैटेगरी की संसदीय सीट है. इस लोकसभा क्षेत्र की साक्षरता दर 54.1% है. यहां SC वोटर्स करीब 466,870 हैं, जो 2011 की जनगणना के अनुसार 24% हैं. इस सीट पर 58,359 अनुसूचित जनजाति यानी ST वोटर्स हैं. 2011 की जनगणना के अनुसार ये संख्या 3% हैं. मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 432,832 है, जो मतदाता सूची विश्लेषण के अनुसार लगभग 22.3% हैं. ग्रामीण मतदाताओं की संख्या लगभग 1,250,822 है, जो 2011 की जनगणना के अनुसार 64.3% हैं.
2019 में कुल वोटरों की संख्या 11,89,361 थी. इनमें से कुल पुरुष मतदाता 6,10,885 और महिला मतदाता 5,74,754 थीं. 2019 में कुल मतदान प्रतिशत 61.13% था. 2019 इस सीट पर 2157 मतदान केंद्र बनाए गए थे. कुल 60.9% मतदान हुआ था.
इस सीट से राज्य के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता धरम सिंह भी सांसद रह चुके हैं. 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खरगे इस सीट से चुनकर संसद पहुंचे. फिर 2014 के चुनाव में उन्होंने लगातार दूसरी बात जीत हासिल की. हालांकि, 2019 के चुनाव में खरगे को बीजेपी के उमेश जाधव ने 95,452 वोटों के अंतर से हरा दिया. उमेश जाधव को 6,20,192 वोटों से जीत हासिल हुई थी.