लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को तगड़ा झटका देते हुए मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा से तीन बार के विधायक कमलेश शाह ने शुक्रवार को पार्टी से नाता तोड़ दिया और सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए. विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने शाम को ‘‘पीटीआई-भाषा'' को बताया कि शाह ने विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया.
एपी सिंह ने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने यह इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और इस बारे में निर्वाचन आयोग को जल्द ही सूचित किया जाएगा.
शाह के जाने के बाद सूबे की 230 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की तादाद घटकर 65 रह गई है. कांग्रेस ने 2023 के विधानसभा चुनाव में 66 सीटें जीती थीं.
छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान होना है. छिंदवाड़ा, कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का गृह जिला है.
राजधानी भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय संयुक्त महासचिव शिव प्रकाश, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने शाह का पार्टी में स्वागत किया.
तीन बार के कांग्रेस विधायक शाह अपनी पत्नी और हर्रई नगर पालिका की पूर्व अध्यक्ष माधवी शाह के साथ भाजपा में शामिल हुए. कांग्रेस विधायक के साथ उनकी बहन और जिला पंचायत सदस्य केसर नेताम ने भी भाजपा का दामन थामा.
भाजपा के एक नेता ने कहा कि शाह और उनके परिवार के सदस्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकास कार्यों से प्रभावित होकर पार्टी में शामिल हुए हैं. इस अवसर पर भाजपा की प्रदेश इकाई के लोकसभा चुनाव प्रभारी महेंद्र सिंह, सह प्रभारी सतीश उपाध्याय और राज्य के काबीना मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी उपस्थित थे.
शाह ने 2013, 2018 और 2023 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के टिकट पर अमरवाड़ा से जीत हासिल की थी. छिंदवाड़ा दशकों से कांग्रेस का गढ़ रहा है. कमलनाथ लोकसभा में इस सीट का नौ बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. वह वर्तमान में छिंदवाड़ा क्षेत्र से विधायक हैं. कमलनाथ के बेटे और छिंदवाड़ा से निवर्तमान सांसद नकुलनाथ इस सीट से लगातार दूसरी बार चुनावी मैदान में हैं.
वर्ष 2019 के चुनाव के दौरान राज्य में कांग्रेस के खाते में केवल छिंदवाड़ा सीट गई थी. भाजपा ने प्रदेश की 29 में से 28 लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी. छिंदवाड़ा में कांग्रेस नेताओं के भाजपा में जाने की गति कुछ हफ्ते पहले इन अटकलों के बीच तेज हो गई थी कि कमलनाथ और उनके निवर्तमान सांसद बेटे नकुलनाथ भी ऐसे ही पालाबदल की योजना बना रहे हैं. हालांकि, पिता-पुत्र ने ऐसी खबरों को ‘‘मीडिया की उपज'' बताया था.
राजनीतिक जानकारों के अनुसार भाजपा ने राज्य में अन्य दलों के एक लाख कार्यकर्ताओं को खुद में शामिल करने का लक्ष्य तय किया है जिनमें छिंदवाड़ा के 50,000 कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हैं.
छिंदवाड़ा से भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार विवेक बंटी साहू ने कहा कि इस क्षेत्र में 5,000 से अधिक कांग्रेस कार्यकर्ता पहले ही सत्तारूढ़ दल में शामिल हो चुके हैं. कांग्रेस 1952 के बाद से केवल एक बार छिंदवाड़ा में लोकसभा चुनाव हारी है.
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