Analysis: महाराष्ट्र की जनता वोटिंग को लेकर इतनी सुस्त क्यों? पांचों चरण में कम मतदान के क्या हैं मायने

पांचवें चरण में महाराष्ट्र की 13 संसदीय सीट पर 49 प्रतिशत वोट डाले गए. इसके साथ ही राज्य में सभी 48 सीटों पर मतदान संपन्न हो गए हैं. 

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नई दिल्ली:

देश में पांचवें दौर का मतदान पूरा होने के बाद लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के लिए तीन चौथाई से ज़्यादा सीटों पर मतदान का काम पूरा हो चुका है. पांचवें दौर के मतदान के साथ कुल 543 में से 429 सीटों पर वोट डाले जा चुके हैं. सोमवार को पांचवें दौर में छह राज्यों और दो केंद्रीय शासित प्रदेशों की कुल 49 लोकसभा सीटों के लिए शाम सात बजे तक 57.5% से ज़्यादा मतदान दर्ज किया गया.  महाराष्ट्र की 13 संसदीय सीट पर 49 प्रतिशत वोट डाले गए. इसके साथ ही राज्य में सभी 48 सीटों पर मतदान संपन्न हो गए हैं. 

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महाराष्ट्र में सभी चरणों में वोट प्रतिशत में गिरावट
महाराष्ट्र में उत्तर प्रदेश के बाद सबसे अधिक 48 लोकसभा की सीटें हैं. पहले चरण में पांच सीटों पर मतदान संपन्न हुआ था. दूसरे चरण में 8 सीटों पर वोटिंग हुई थी. तीसरे चरण में 11 सीटों पर वोटिंग हुई थी. चौथे चरण में महाराष्ट्र में 11 सीटों पर मतदान हुई थी वहीं पांचवें चरण में सोमवार को 13 सीटों पर वोट डाले गए. सभी चरणों में एक बात जो कॉमन रही कि हर चरण में 2019 की तुलना में मतदान प्रतिशत में गिरावट देखने को मिली. 

लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 5 सीटों पर हुए मतदान में 57.8 प्रतिशत वोट डाले गए थे. जो पिछले चुनाव की तुलना में लगभग 6 प्रतिशत कम थे.  वहीं दूसरे चरण में 8 सीटों पर हुए चुनाव में 59.6 प्रतिशत वोट डाले गए थे जो 2019 की तुलना में लगभग 3 प्रतिशत कम था. तीसरे चरण में 11 सीटों पर हुए मतदान में 61.4 प्रतिशत वोट डाले गए जो 2019 की तुलना में लगभग 2.5 प्रतिशत कम थे. चौथे चरण में महाराष्ट्र की 11 सीटों पर हुए मतदान में 59.6 प्रतिशत वोट डाले गए थे जो पिछले चुनाव की तुलना में लगभग 2 प्रतिशत कम थे. 
मतदान का चरणलोकसभा सीटों की संख्यावोटिंग परसेंट 2019 वोटिंग परसेंट 2024
पहला चरण 564.157.8
दूसरा चरण62.859.6
तीसरा चरण1163.961.4
चौथा चरण1161.659.6
पांचवां चरण1355.549

बड़े हस्तियों ने की अपील फिर भी नहीं बढ़ा वोट परसेंट
सियासी लिहाज से महाराष्ट्र बहुत ही महत्वपूर्ण राज्य है. मुंबई में बहुत सी जानी-मानी शख्सियतों नें अपने मताधिकार का प्रयोग किया. जिसमें खिलाड़ी, एक्टर्स, उद्योगपति और समाज के कई जानी-मानी हस्तियां शामिल रहीं. हालांकि तमाम दावों के बाद भी वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी नहीं देखने को मिली. पहले और पांचवें चरण में मतदान प्रतिशत में सबसे अधिक गिरावट देखने को मिली. दूसरे, तीसरे और चौथे चरण में मतदान प्रतिशत में अधिक गिरावट नहीं हुई. 

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मुंबई में चुनाव आयोग की तरफ से फर्स्ट टाइम वोटर्स से मतदान की अपील की गयी थी. वोटिंग को लेकर कई अभियान भी चलाए गए थे. हालांकि मतदान केंद्र पर फर्स्ट टाइम वोटर्स बहुत कम ही देखने को मिली. एनडीटीवी के साथ बात करते हुए युवाओं ने कहा कि लोग अपनी जिम्मेदारी नहीं समझ रहे हैं. वहीं राजनीति में हुई उठापटक को लेकर भी युवाओं में वोटिंग को लेकर निराशा का भाव देखने को मिला. 

उम्मीदवार युवाओं से नहीं हो रहे हैं कनेक्ट?
मतदान को लेकर लोगों के बीच जागरुकता लाने के लिए काम करने वाले एक युवा ने एनडीटीवी के साथ बात करते हुए कहा कि राजनेता युवाओं की बात तो करते हैं लेकिन वो कनेक्ट नहीं हो पाते हैं. उन्होंने कहा हम लोगों ने कैंपेन चलाया था 'माई फर्स्ट वोट'. इस दौरान मुझे यह समझ में आया कि युवा राजनेताओं के साथ बहुत अधिक कनेक्ट नहीं हो पाए. 

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महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि उन्होंने निर्वाचन आयोग से मुंबई में मतदान की धीमी गति की शिकायतों पर गौर करने का अनुरोध किया है. उन्होंने एक बयान में कहा, 'कुल मतदान की गति बहुत धीमी होने की कई शिकायतें मिली हैं.'

चुनावी डेटा क्या कहते हैं? 
पिछले 4 चुनावों के परिणाम को अगर देखें तो महाराष्ट्र में बीजेपी की अच्छी पकड़ रही है. महाराष्ट्र की 48 सीटों में से बीजेपी गठबंधन ने 2009 के चुनाव में भी जब कि देश भर में उसकी हार हुई थी फिर भी महाराष्ट्र में 20 सीटों पर जीत दर्ज किया था. वहीं 2019 के चुनाव में बीजेपी और शिवसेना गठबंधन का वोट शेयर 50 प्रतिशत के पार पहुंच गया और इस गठबंधन को 41 सीटों पर जीत मिली. 

2004 के चुनाव का क्या था हाल?
2004  के चुनाव में बीजेपी को 13 सीट, शिवसेना जो की बीजेपी के साथ था उसे 12 सीटों पर जीत मिली थी. कांग्रेस को 13 और एनसीपी को 9 सीटों पर जीत मिली थी.  वहीं अगर वोट शेयर की बात करें तो बीजेपी और शिवसेना गठबंधन के हिस्से 42.7 प्रतिशत वोट शेयर था वहीं एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन के हिस्से 42.1 प्रतिशत वोट शेयर रहा थाा. एनडीए का वोट शेयर 2004 में अधिक रहा था. हालांकि वोट प्रतिशत में गिरावट देखने को इस चुनाव मिली थी. 

2009 में एनडीए को हुआ था नुकसान 
2009 के चुनाव में देश भर में कांग्रेस गठबंधन को जीत मिली थी महाराष्ट्र में भी एनडीए को 5 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा था. बीजेपी को 9 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं शिवसेना के हाथ 11 सीटें आयी थी.  कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन को 25 सीटों पर जीत मिली थी. कांग्रेस को 17 और एनसीपी को 8 सीटों पर मिली थी जीत. वोट परसेंट की अगर बात करें तो एनडीए गठबंधन को 35.2 प्रतिशत वोट मिले थे वहीं कांग्रेस गठबंधन के मत प्रतिशत में भी गिरावट देखने को मिली थी लेकिन सीट में बढ़ोतरी हुई थी.  कांग्रेस गठबंधन को 39.9 प्रतिशत वोट मिले थे.  

2014 में एनडीए के वोट और सीट में हुई बढ़ोतरी
2014 के चुनाव में एनडीए को बंपर जीत मिली. एनडीए का वोट शेयर 2009 के लगभग 35 प्रतिशत से बढ़कर 2014 में 47.9 प्रतिशत तक पहुंच गया. सीटों की अगर बात करें तो एनडीए को 48 में से 41 सीटों पर जीत मिली.  वहीं कांग्रेस को महज 1 सीट और एनसीपी को 4 सीटों पर जीत मिली. कांग्रेस को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा. 

2019 के चुनाव में एनडीए का वोट शेयर पहुंचा 50 परसेंट के पार
2019 के चुनाव में भी बीजेपी को बंपर जीत मिली. एनडीए का वोट शेयर 50 परसेंट के पार पहुंच गया.  एनडीए गठबंधन को लगभग 51 परसेंट वोट मिले. वहीं कांग्रेस गठबंधन का वोट शेयर घटकर मात्र 31.8 प्रतिशत पर रह गया. कांग्रेस को 16.3 प्रतिशत वोट मिले वहीं एनसीपी को 15.5 प्रतिशत वोट मिले. 

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