लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने कहा है कि उनकी लड़ाई घर और गाड़ी को लेकर नहीं है. एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में पासवान ने कहा कि उनकी लड़ाई अपने राज्य को विकसित राज्य बनाने को लेकर है. उनसे उनके पिता का दिल्ली स्थित बंगला छिनने और पार्टी में हुए विद्रोह को लेकर सवाल किया गया था. इसके अलावा चिराग ने नरेंद्र मोदी की बनने वाली सरकार, उसमें मंत्री पद लेने, महिला आरक्षण और जातिय जनगणना को लेकर सवाल किया गया था. चिराग की पार्टी ने हाल में हुए लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया है. लोजपा (रामविलास) ने पांच सीटों पर चुनाव लड़ा था. उसे सभी पांच सीटों पर जीत मिली है.
चिराग से जब यह पूछा गया कि जिस गठबंधन के कारण आपको 12 जनपथ छोड़ना पड़ा. पिता रामविलास की तस्वीर रोड पर रखनी पड़ी,आपकी पार्टी का सिंबल चला गया, पार्टी का नाम चला गया, आपके चाचा को मंत्री बना दिया गया, अब वो गठबंधन में नहीं हैं.लेकिन अब आप गठबंधन के अंदर हैं.क्या कड़वाहट नहीं होती इस गठबंधन के खिलाफ.
पार्टी में झगड़े पर क्या बोले चिराग
इस सवाल के जवाब में चिराग पासवान ने कहा, ''इसका मुझे दुख होता है, लेकिन कड़वाहट और निराशा कभी नहीं होती.मेरी लड़ाई मेरे घर और मेरी गाड़ी के लिए नहीं है. सुख-सुविधा को लेकर नहीं है.अगर मेरी लड़ाई इन सुख-सुविधाओं को लेकर होती तो मैं नतमस्तक होकर किसी भी गठबंधन में चला जाता. अगर मैं झुककर रहता तो कभी कोई परेशानी आती ही नहीं.''
उन्होंने कहा, ''मेरी लड़ाई बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट को लेकर है. मेरी लड़ाई बिहार को विकसित राज्य बनाने को लेकर है.मैंने कभी न समझौता किया और न करुंगा.घर-गाड़ी आएंगी-जाएगी,कभी कुछ स्थायी नहीं रहने वाला है.
चिराग पासवान को किसने दिया धोखा?
चिराग से जब यह पूछा गया कि इसी गठबंधन की वजह से आपका घर चला गया, आपका सिंबल चला गया, आपकी पार्टी का नाम चला गया, आपके हाथ से पार्टी चली गई, आपके चाचा को मंत्री पद दे दिया गया. लेकिन अब आप अंदर हैं और वो बाहर है. इस सवाल के जवाब में चिराग ने कहा कि मुझे धोखा किसने दिया. अगर अपनों ने धोखा नहीं दिया होता तो दुनिया की कोई ताकत मेरी पार्टी को तोड़ नहीं पाती. मुझे धोखा मेरे अपनों ने दिया है, ऐसे में मैं किसी तीसरे शिकायत कर भी नहीं सकता.
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