लोक जन शक्ति पार्टी (Lok Janshakti Party) को लेकर चाचा और भतीजे में सियासी जंग तेज हो गई है. चिराग पासवान (Chirag Paswan) और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) के बीच पार्टी में वर्चस्व की जंग अब चुनाव आय़ोग की चौखट तक पहुंच गई है. दोनों ने खुद को पार्टी का असली नेता बताते हुए चुनाव आय़ोग (Election Commission) का दरवाजा खटखटाया है. वहीं चिराग पासवान के गुट की दिल्ली में 11 बजे राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है. इससे पहले शनिवार को चिराग लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिलकर अपना पक्ष रख चुके हैं . हालांकि ओम बिरला (Om Birla) पिछले हफ्ते ही पशुपति पारस को लोकसभा मे जन शक्ति पार्टी के नेता के तौर पर मान्यता दे चुके हैं.
लोकसभा में इस पार्टी के छह सांसद है और इनमें से पांच पारस को अपना नेता मान चुके हैं.पारस गुट का कहना है जब चिराग अब पार्टी के अध्यक्ष हैं ही नहीं तो फिर वह कैसे राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुला सकते हैं. पशुपति पारस ने पार्टी के अध्यक्ष चुने जाने के बाद पुरानी कार्यकारणी भंग कर नई अस्थायी कमेटी बना दी है. अब दोनो गुटों ने पार्टी पर कब्जे के लिये चुनाव आयोग का दरवाजा खट खटाया है.
चिराग पासवान को हटाकर जहां पशुपति कुमार पारस संसदीय दल के नेता बन चुके हैं. वहीं चिराग पहले ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की वर्चुअल बैठक बुलाकर सारे बागी सांसदों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा चुके हैं. वहीं बागी गुट ने पशुपति कुमार पारस को पार्टी अध्यक्ष भी घोषित कर दिया है. दोनों ही पक्ष राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अपने पक्ष में बहुमत होने का दावा कर रहे हैं. बिहार में कई जगहों पर दोनों गुटों ने शक्ति प्रदर्शन भी किया है. ऐसे में साफ दिख रहा है कि यह राजनीतिक जंग अभी खत्म नहीं होने वाली.