दिल्ली में LG बदलने की सुगबुगाहट, दमन और दीव के प्रशासक प्रफुल पटेल का नाम सबसे आगे : सूत्र

दिल्ली में नए एलजी के लिए दमन और दीव के प्रशासक प्रफुल पटेल का नाम सबसे आगे है. इसके अलावा पूर्व CAG राजीव महर्षि, पूर्व IAS शक्ति सिन्हा का नाम की भी चर्चा में है.

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
दिल्ली में जल्द बदले जाएंगे एलजी : सरकारी सूत्र

दिल्ली में एलजी  (Lieutenant Governor) बदलने की सुगबुगाहट तेज हो गई है. सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक- नए एलजी की नियुक्ति पर चर्चा जोरों पर है. नए एलजी के लिए दमन और दीव के प्रशासक प्रफुल पटेल का नाम सबसे आगे है. इसके अलावा पूर्व CAG राजीव महर्षि, पूर्व IAS शक्ति सिन्हा का नाम की भी चर्चा में है. दिल्ली में मौजूदा एलजी अनिल बैजल को 4 साल से ज्यादा हो चुके हैं

. बता दें कि बुधवार को  दिल्ली राष्ट्रीय राज्य क्षेत्र शासन ( संशोधन) विधेयक 2021 बिल राज्यसभा से भी पास कर दिया गया है. लोकसभा इस विधेयक को पहले ही मंजूरी दे चुकी है. यानी संसद से इसे स्वीकृति मिल चुकी है औऱ अब यह राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए जाएगा. इस बिल के जरिये दिल्ली निर्वाचित सरकार के मुकाबले लेफ्टिनेंट गवर्नर को ज्यादा शक्तियां दी गई हैं.

LG को ज्यादा ताकत देने वाले बिल पर बोले केजरीवाल, 'काम न तो रुकेगा और न ही धीमा पड़ेगा'

बुधवार को विधेयक पर चर्चा के बाद कांग्रेस (Congress) समेत कई विपक्षी दलों ने वॉकआउट किया. विपक्ष के कई दलों ने इस विधेयक को संसद की प्रवर समिति को भेजे जाने की मांग की थी, जो सरकार ने मंजूर नहीं की. वहीं गृह राज्यमंत्री जी कृष्ण रेड्डी ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि दिल्ली को जो अधिकार है वो रहेंगे. उनसे कोई अधिकार छीना नही गया है, दिल्ली पूरा राज्य नहीं है. संविधान में जो अधिकार दिए गए वो नहीं छीने नही गए हैं.

Advertisement

वहीं आप सांसद संजय सिंह ने विधेयक का पुरजोर विरोध करते हुए कहा था कि जिस तरफ द्रोपदी का चीरहरण हुआ था वैसे ही संविधान का यहां हो रहा है. देश का संविधान कह रहा है बिना किसी संविधान संशोधन के दो करोड़ लोगों ने सरकार ने सरकार को चुना. हमारा क्या अपराध है? दिल्ली में स्कूल खोला, मोहल्ला क्लिनिक खोला औऱ क्या यह हमारा अपराध है. लोगों को 200 यूनिट फ्री बिजली दी गई. यह सब इसीलिए किया गया है, क्योंकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसान को दिल्ली आने पर जेल में नहीं डाला. यह बिल रद्द होना चाहिए. सभी सांसद आत्मा की आवाज पर फैसला करें. शिवसेना, अकाली दल ने भी बिल का विरोध किया. यह संघीय ढांचा के खिलाफ है.

Advertisement

एनसीपी ने भी विधेयक का विरोध किया और इसे काला दिन करार दिया. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी ंने भी इसका विरोध किया. बीजेडी सांसद प्रसन्ना आचार्य ने कहा कि हम बिल के खिलाफ हैं, लेकिन वॉकआउट कर रहे है. यह चुनी हुई सरकार के खिलाफ है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Parliament Winter Session: Lok Sabha 57% तो Rajya Sabha 43% चली, सत्र में आधा काम, बाकी हंगामा
Topics mentioned in this article