चुनावी राज्यों में प्रचार कर नेताओं को अपनी पार्टी के प्रति निष्ठा दिखानी चाहिए : कांग्रेस

कांग्रेस की यह सलाह जम्मू में एक गैर-राजनीतिक कार्यक्रम को संबोधित करने गये ‘ग्रुप ऑफ 23’ (तेईस नेताओं के समूह) के कुछ सदस्यों द्वारा की गई टिप्पणी की प्रतिक्रिया में आई है. इस समूह का नेतृत्व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद कर रहे हैं.

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इस समूह का नेतृत्व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद कर रहे हैं (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि ‘ग्रुप ऑफ 23' में शामिल नेता पार्टी के सम्मानित सदस्य हैं, जिन पर दल को गर्व है. हालांकि, पार्टी ने इन नेताओं को चुनावी राज्यों में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने और वहां प्रचार कर पार्टी को मजबूत करते हुए इसके प्रति अपनी निष्ठा प्रदर्शित करने की सलाह दी. कांग्रेस की यह सलाह जम्मू में एक गैर-राजनीतिक कार्यक्रम को संबोधित करने गये ‘ग्रुप ऑफ 23' (तेईस नेताओं के समूह) के कुछ सदस्यों द्वारा की गई टिप्पणी की प्रतिक्रिया में आई है. इस समूह का नेतृत्व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद कर रहे हैं. समूह ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र लिख कर पार्टी संगठन में आमूल-चूल बदलाव करने और कांग्रेस में सभी पदों पर आंतरिक चुनाव कराने की मांग की थी.

पार्टी प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘जो-जो लोग रैली को संबोधित करने जम्मू गये हैं, जिन्होंने भाषण दिए हैं, वे बहुत ही सम्मानित और आदरणीय व्यक्ति है. कांग्रेस उन सबका बहुत आदर करती है और हमे गर्व है कि उनका बहुत लंबा जीवन (समय) कांग्रेस पार्टी में बीता है. वे सभी हमारे कांग्रेस परिवार का अभिन्न हिस्सा हैं.'' हालांकि, उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि कांग्रेस पार्टी यह समझती है कि जब पांच राज्यों में (विधानसभा) चुनाव हो रहे हैं, जिसमें कांग्रेस संघर्ष कर रही है तो ज्यादा उपयुक्त होता कि आजाद सहित सभी नेता इन प्रांतों में प्रचार करते और कांग्रेस का हाथ मजबूत करते तथा पार्टी को आगे बढ़ाते.''

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उन्होंने कहा, ‘‘सच्ची निष्ठा कांग्रेस के प्रति तभी होती, जब (ये) सभी लोग चुनावी राज्यों में प्रचार कर पार्टी को मजबूत करते.'' आजाद का ‘‘इस्तेमाल'' किए जाने संबंधी एक नेता की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर सिंघवी ने कहा कि पार्टी के इस दिग्गज नेता ने इस बारे में कभी शिकायत नहीं की. उन्होंने कहा कि जो लोग भी इस तरह की टिप्पणी कर रहे हैं, वे पार्टी के समकालिक एवं लंबे इतिहास से शायद अवगत नहीं हैं. उन्होंने कहा कि आजाद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय से केंद्रीय मंत्री रहे हैं और उन्होंने 40 साल से अधिक समय तक संसद में सात बार कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें राज्यसभा में उनका पांच कार्यकाल भी शामिल है.

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सिंघवी ने कहा कि आजाद को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जम्मू कश्मीर का मुख्यमंत्री बनाया था और 20-25 साल तक पार्टी महासचिव भी रखा. हालांकि, सिंघवी ने पार्टी के आंतरिक अनुशासन के मुद्दे पर पूछे गये सवालों का और अधिक जवाब देने से इनकार कर दिया. गौरतलब है कि कांग्रेस के नेताओं ने सार्वजनिक रूप से पहली बार पार्टी की आलोचना की है. गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और कपिल सिब्बल समेत ‘ग्रुप ऑफ 23' के नेता सार्वजनिक रूप से असंतोष प्रकट करते हुए जम्मू में शनिवार को एक मंच पर एकत्र हुए. उन्होंने कहा कि पार्टी कमजोर हो रही है और वे इसे मजबूत करने के लिए एक साथ आये हैं. वे कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन और संगठनात्मक फेरबदल की मांग करने वाले वरिष्ठ नेताओं में शामिल रहे थे.

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सिब्बल ने महात्मा गांधी को समर्पित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यह सच बोलने का मौका है और मैं सच बोलूंगा. हम यहां क्यों इकट्ठे हुए हैं? सच्चाई यह है कि हम देख सकते हैं कि कांग्रेस कमजोर हो रही है. हम पहले भी इकट्ठा हुए थे और हमें एक साथ मिलकर कांग्रेस को मजबूत करना है.'' इस कार्यक्रम में समूह (जिसे अब ‘जी-23' भी कहा जाता है) के भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मनीष तिवारी, विवेक तन्खा और राज बब्बर जैसे कई अन्य कांग्रेसी नेता भी शामिल हुए. इन नेताओं ने पिछले साल कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को पत्र लिखा था और पार्टी में संगठनात्मक बदलाव करने के साथ ही पूर्णकालिक पार्टी अध्यक्ष की मांग की थी.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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