दिल्ली के बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के किसान नेता अब पश्चिम बंगाल की सड़कों पर बीजेपी के खिलाफ चुनाव प्रचार में दिख रहे हैं. इस दौरान किसान नेता कोलकाता से लेकर नंदीग्राम तक में पंचायत करेंगे.सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठे किसान नेताओं का कोलकाता के एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत हुआ.
शुक्रवार सुबह कोलकाता की सड़कों पर किसान नेता भाषण देते दिखाए दिए. शुक्रवार को पहले कोलकाता प्रेस क्लब में पत्रकार से मुलाकात फिर रोड शो. सुबह से लेकर देर शाम तक ये किसान नेता बीजेपी पर कृषि कानून से लेकर संविधान की धज्जियां उड़ाने तक के आरोप लगाते रहे. ये किसान नेता NO VOTE TO BJP का कैंपेन भी चला रहे हैं. शनिवार को दिल्ली के किसान नेता पश्चिम बंगाल की राजनीति के हॉट स्पॉट नंदीग्राम में पंचायत करेंगे.
गाजीपुर बॉर्डर पर बीजेपी के लिए सदबुद्धि यज्ञ करके राकेश टिकैत भी पश्चिम बंगाल के लिए रवाना हो गए हैं. किसान नेताओं का इरादा कोलकाता, नंदीग्राम से लेकर आसनसोल तक महापंचायत करने का है. लेकिन राकेश टिकैत की टीम सीधे तौर पर बीजेपी को वोट न देने की अपील के खिलाफ है. उनका कहना है कि वो किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए कंधा नहीं देंगे
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राजबीर सिंह जादौन ने कहा कि हमारे कंधे इतने कमजोर नहीं है कि किसी भी राजनीतिक पार्टी का सहारा बनें. किसान नेताओं का ये कैंपेन पश्चिम बंगाल के चुनावों में बीजेपी को कितना नुकसान पहुंचाएगा ये चुनाव नतीजे के बाद पता चलेगा, लेकिन किसान नेताओं का ये दांव फिलहाल जरूर बीजेपी के लिए परेशानी का सबब है.
सरकार के साथ किसानों की फिलहाल कोई बातचीत नहीं हो रही है, लेकिन किसान भी नेताओं के अलावा और सबसे बातचीत करने के लिए रोड शो से लेकर महापंचायत तक कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल के चुनाव में बीजेपी की हार या जीत किसान आंदोलन के लिए भी जरूर अहम होगी