मध्यप्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति के खराब होने पर अपनी चिंता जाहिर की है. संदेशखाली हिंसा को लेकर मंत्री ने कहा कि राज्य में महिलाओं के प्रति सम्मान कम है. विजयवर्गीय ने एएनआई को दिए अपने बयान में कहा, "पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है...वहां महिलाओं का कोई सम्मान नहीं है. महिलाओं पर अत्याचार होने पर पुलिस भी रिपोर्ट दर्ज नहीं करती... वो सभी लोग जो मोमबत्तियां लेकर निकलते थे, आज उनकी मोमबत्तियां कहां हैं."
हाल ही में, यौन उत्पीड़न और हिंसा की कथित घटनाओं की जांच करने के लिए नियुक्त बीजेपी प्रतिनिधिमंडल को संदेशखाली क्षेत्र के दौरे के दौरान पुलिस ने रोक दिया था. संदेशखाली जाने से रोके जाने के बाद अग्निमित्रा पॉल समेत बीजेपी नेता अन्नपूर्णा देवी, प्रतिमा भौमिक, सुनीता दुग्गल, कविता पाटीदार, संगीता यादव और बृज लाल सहित प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस से मुलाकात की थी.
बैठक के बाद, प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य ने संदेशखाली जाने और महिला प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत करने की अनुमति मांगने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करने के अपने इरादे का भी जिक्र किया था. बीजेपी द्वारा नियुक्त किए गए प्रतिनिधिमंडल की सदस्य अन्नपूर्णा देवी ने शुक्रवार को राज्यपाल से मुलाकात करने के बाद कहा, ''संदेशखालि जाते वक्त आज हमें रास्ते में रोक दिया गया और इस वजह से हमें वापस आना पड़ा. इस पर हम सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे और उनसे कहेंगे कि हमें संदेशखालि जाने की इजाजत दी जाए. हम वहां जरूर जाएंगे. संदेशखाली में जिस तरह से टीएमसी के गुंडों और पुलिस द्वारा महिलाओं, बच्चों और नवविवाहित दुल्हनों पर अत्याचार किया गया है, उसे उजागर किया जाएगा. उन्हें न्याय जरूर मिलेगा.''
संदेशखाली में महिलाएं टीएमसी नेता शाजहां शेख और उनके सहयोगियों द्वारा उनके खिलाफ किए गए कथित अत्याचारों को लेकर पिछले कुछ दिनों से आंदोलन कर रही हैं. बीजेपी ने केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों की छह सदस्यीय समिति का गठन किया, जिन्हें संदेशखाली का दौरा करने और महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न और हिंसा की कथित घटनाओं पर तथ्य इकट्ठा करने का काम सौंपा गया है.
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