जम्मू ड्रोन हमले में लश्कर-ए-तैयबा का हाथ होने के संकेत मिले : J&K पुलिस चीफ

जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह एनडीटीवी से बातचीत में कहा, "शुरुआती जांच से पता चला है कि जम्मू एयरबेस पर हमले में लश्कर का हाथ हो सकता है."

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नई दिल्ली:

जम्मू के एयरफोर्स बेस पर रविवार को हुए ड्रोन हमले में पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ हो सकता है. जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक ने मंगलवार को यह बात कही. जम्मू-कश्मीर के पुलिस चीफ दिलबाग सिंह ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि सोमवार को मिलिट्री इलाके में दिखे ड्रोन के पीछे भी यही संगठन हो सकता है. बता दें कि जम्मू एयरबेस में ड्रोन अटैक की जांच एनआईए को सौंप दी गई है.   

सिंह ने कहा, "शुरुआती जांच से पता चला है कि जम्मू एयरबेस पर हमले में लश्कर का हाथ हो सकता है." उन्होंने कहा, "कालूचक में जिस तरह की गतिविधियां देखी गईं, उसमें भी इसी संगठन का हाथ होने का शक है." कालूचक सैन्य स्टेशन के पास सोमवार को दो ड्रोन को दिखाई पड़े थे, जवानों के फायरिंग करने के बाद ड्रोन भाग गए थे.

पुलिस प्रमुख के मुताबिक, रविवार को एक शख्स को 4 किलो विस्फोटक उपकरण के साथ गिरफ्तार किया गया था, जिससे पूछताछ में घटना में लश्कर-ए-तैयबा का लिंक होने के संकेत मिले हैं. 

जम्मू में वायु सेना स्टेशन पर रविवार सुबह दो विस्फोटों के कुछ घंटों बाद बनिहाल के एक 22 वर्षीय संदिग्ध नदीम उल हक को गिरफ्तार किया गया था. माना जा रहा है कि किसी भारतीय सैन्य सुविधा पर ड्रोन से हमले का यह पहला मामला है. 

सिंह ने कहा, "उससे पूछताछ से हमें इस मामले से लश्कर का हाथ होने की बात लग रही है. गिरफ्तार शख्स के पास से 4 किलो आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बरामद किया गया, जिसे वह एक सिविलयन एरिया में लगाने वाला था." 

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