यूपी में क्‍यों बिक गई पाकिस्‍तान के पूर्व राष्‍ट्रपति परवेज मुशर्रफ की जमीन, जानें सारा किस्‍सा

कोताना गांव में पाकिस्तान के पूर्व राष्‍ट्रपति परवेज मुशर्रफ के भाई और परिवार की करीब 13 बीघा जमीन थी. सालों पहले परिवार के सभी लोगों के पाकिस्तान चले जाने के बाद इस भूमि को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया था.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
नई दिल्‍ली:

पाकिस्तान के पूर्व राष्‍ट्रपति परवेज मुशर्रफ एंड फैमिली का कोताना गांव के बाद अब सरकारी पन्‍नों से भी नाम हमेशा के लिए मिट गया है. चूंकि परवेज मुशर्रफ के परिजनों की घोषित कृषि भूमि का नीलामी के बाद अब तहसील में 13 बीघा जमीन का बैनामा कर  खरीददारों के नाम दर्ज करा दिया गया है. इसके बाद अब परवेज मुशर्रफ और उसके परिवार के लोगों का नाम हमेशा के लिए समाप्त हो गया है. 

मुशर्रफ और भाई की जमीन 

कोताना गांव में पाकिस्तान के पूर्व राष्‍ट्रपति परवेज मुशर्रफ के भाई और परिवार की करीब 13 बीघा जमीन थी. सालों पहले परिवार के सभी लोगों के पाकिस्तान चले जाने के बाद इस भूमि को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया था. इसका संज्ञान यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने लिया. कई महीने पहले इस भूमि की शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय लखनऊ की ओर से नीलामी कराई गई थी. इसे बड़ौत शहर के पंकज ठेकेदार और मनोज गोयल और गाजियाबाद के जेके स्टील ने 1.38 करोड़ रुपये में खरीदा था. 

शत्रु संपत्ति की नीलामी 

इस कार्यवाही के बाद अब शत्रु संपत्ति अभिरक्षक ऑफिस लखनऊ से पर्यवेक्षक प्रशांत सैनी ने बड़ौत तहसील पहुंचे जहां खरीददारों ने संबधित भूमि के बैनामे अपने नाम कराए. बैनामे की कार्यवाही के बाद इस भूमि के असल मालिक पंकज ठेकेदार और मनोज गोयल और गाजियाबाद के जेके स्टील बन गए है. इस तरह अब इस भूमि से परवेज मुशर्रफ के परिवार का नाम पूरी तरह से खत्म हो गया. एसडीएम बड़ौत मनीष कुमार यादव का कहना है कि कोताना में जिस शत्रु संपत्ति की नीलामी कराई गई थी. अब उसी भूमि के खरीददारों ने अपने नाम बैनामें करा लिए है.  

कोताना गांव के रहने वाले थे परवेज के माता-पिता ---

आपको बता दें कि परवेज मुशर्रफ के पिता मुशर्रफुद्दीन और माता बेगम जरीन कोताना गांव की रहने वालीं थीं. कोताना में दोनों की शादी हुई थी. वह साल 1943 में दिल्ली जाकर रहने लगे थे  जहां परवेज मुशर्रफ और उसके भाई डॉक्‍टर जावेद मुशर्रफ का जन्म हुआ था. उनका परिवार साल 1947 में बंटवारे के समय पाकिस्तान में जाकर बस गया था. लेकिन दिल्ली के अलावा उनके परिवार की हवेली व खेती की जमीन कोताना गांव में मौजूद थी. इसमें परवेज मुशर्रफ की भूमि बेच दी गई जबकि उनके भाई डॉक्‍टर जावेद मुशर्रफ व परिवार के सदस्यों की कृषि भूमि बच गई थी. इसके अलावा कोताना की हवेली उनके चचेरे भाई हुमायूं के नाम दर्ज हो गई थी. परवेज मुशर्रफ के भाई डॉ. जावेद मुशर्रफ व परिवार के अन्य सदस्यों की जमीन को शत्रु संपत्ति में दर्ज कर दिया गया था. 

Featured Video Of The Day
Azam Khan News: सपा नेता आजम खान की रिहाई आज, स्थानीय प्रशासन सतर्क | BREAKING NEWS | NDTV INDIA