उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी कांड में विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट में मामले के मुख्य अभियुक्त और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष की राइफल तथा दो अन्य हथियारों से गोली चलाए जाने की पुष्टि हुई है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. पिछले तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकोनिया क्षेत्र में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हुई थी. किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों पर अपनी गाड़ी चढ़ा दी और इस दौरान गोलियां चलाई गईं.
नौ अक्टूबर को आशीष और उसके बाद गिरफ्तार किए गए अंकित दास तथा लतीफ काले के पास से लाइसेंसी राइफल, पिस्तौल, रिवाल्वर तथा रिपीटर गन बरामद की गईं थीं. इन हथियारों को 15 अक्टूबर को विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया था.
'लगता है दोनों FIR के बीच दूरी बनाए रखने में असमर्थ है SIT': लखीमपुर हिंसा मामले में SC की खरी-खरी
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चारों हथियारों की फॉरेंसिक जांच से इस बात की पुष्टि हुई है कि आशीष की राइफल समेत तीन हथियारों से गोली चलाई गई हालांकि रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि गोलियां किस वक्त चलाई गईं. उन्होंने बताया कि बरामद की गई राइफल आशीष की थी वहीं, पिस्तौल अंकित दास की और रिपीटर गन उसके सुरक्षाकर्मी लतीफ की थी और इन सभी से गोली चलने की पुष्टि हुई है. हालांकि इस मामले की जांच कर रही विशेष अनुसंधान टीम ने विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से मना किया है.
तिकोनिया इलाके में पिछले तीन अक्टूबर को हुई हिंसा के मामले में बहराइच के निवासी जगजीत सिंह द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि यह पूरा मामला केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष की सुनियोजित साजिश का परिणाम है.
"हज़ारों किसान मौजूद थे, सिर्फ 23 चश्मदीद गवाह मिले...?" : लखीमपुर हिंसा पर SC का सवाल
मामले में कहा गया है कि किसान तीन अक्टूबर को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पैतृक गांव में आयोजित एक समारोह में शिरकत करने जा रहे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को काले झंडे दिखाने के लिए महाराजा अग्रसेन इंटर कॉलेज के मैदान में एकत्र हुए थे. दोपहर करीब तीन बजे आशीष मिश्रा अपने 15-20 सशस्त्र लोगों के साथ तेज रफ्तार दोपहिया गाड़ियों से आए और प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर आशीष ने फायरिंग की, वह अपनी गाड़ी में बैठे थे जिससे किसानों को रौंदा गया.
मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि गोली चलाए जाने से बहराइच के नानपारा निवासी किसान गुरविंदर सिंह के बेटे सुखविंदर की मौत हो गई. हालांकि सुखविंदर केशव के दो बार हुए पोस्टमार्टम में उसे गोली लगने की पुष्टि नहीं हुई. इस मामले में आशीष समेत अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने अपने बेटे पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि वह उस वक्त मौका-ए-वारदात पर नहीं थे.
रवीश कुमार का प्राइम टाइम : क्या पुलिस को बताना पड़ेगा FIR कैसे लिखें? जांच कैसे करें?