श्रम मंत्रालय ने 2019-20 के लिए ईपीएफ पर 8.5 प्रतिशत ब्याज देने का फैसला किया

इस साल मार्च में ईपीएफओ ​​के निर्णय लेने वाले सर्वोच्च निकाय सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने गंगवार की अध्यक्षता में 2019-20 के लिए ईपीएफ पर 8.5 प्रतिशत ब्याज दर को मंजूरी दी थी.

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मंत्रालय ने एक बार में ही पूरे 8.5 प्रतिशत अंशदान को खाताधारकों के खातों में डालने का फैसला किया है. (सांकेतिक तस्वीर)
नई दिल्ली:

श्रम मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय की सहमति मिलने के बाद छह करोड़ से अधिक खाताधारकों वाले सेवानिवृत्ति कोष कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर 2019-20 के लिए 8.5 प्रतिशत ब्याज दर को अधिसूचित करने का फैसला किया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘श्रम मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के छह करोड़ से अधिक खाताधारकों के खाते में जमा करने के लिए 8.5 प्रतिशत की ब्याज दर को अधिसूचित करने का फैसला किया है.'' अधिकारी ने कहा कि वित्त मंत्रालय की सहमति मिलने के बाद ईपीएफ पर ब्याज की दर को श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने गुरुवार को अधिसूचना के लिए औपचारिक मंजूरी दी. अब सरकारी गजट में ब्याज दर को आधिकारिक रूप से अधिसूचित किया जाएगा, जिसके बाद ईपीएफओ मुख्यालय खाताधारकों के खातों में ब्याज जमा करने के लिए निर्देश देगा.

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इस साल मार्च में ईपीएफओ ​​के निर्णय लेने वाले सर्वोच्च निकाय सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने गंगवार की अध्यक्षता में 2019-20 के लिए ईपीएफ पर 8.5 प्रतिशत ब्याज दर को मंजूरी दी थी. इस साल सितंबर में ईपीएफओ ने गंगवार की अध्यक्षता में अपने ट्रस्टियों की बैठक में 8.5 प्रतिशत ब्याज को 8.15 प्रतिशत और 0.35 प्रतिशत की दो किस्तों में विभाजित करने का फैसला किया था. हालांकि, बाद में मंत्रालय ने एक बार में ही पूरे 8.5 प्रतिशत अंशदान को खाताधारकों के खातों में डालने का फैसला किया.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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