उत्तराखंड के हरिद्वार में कुंभ मेला (Kumbh Mela) 30 अप्रैल तक जारी रहेगा और कोरोना महामारी (Corona Infection) के चलते इसे नियत तारीख से पहले 'खत्म' करने पर कोई चर्चा नहीं हुई है. अधिकारियों ने कुंभ को दो सप्ताह पहले बंद किए जाने की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए बुधवार को यह बात कही. कुंभ मेला अधिकारी और हरिद्वार के District Magistrate दीपक रावत ने कहा, 'कुंभ मेले को जनवरी में प्रारंभ होना था लेकिन कोरोना की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने इस बार इसे अप्रैल ने शुरू करने का निर्णय लिया. केंद्र सरकार की SOP कहती है कि हालात के चलते, इसकी अवधि को कम किया जा सकता है लेकिन मेरे पास इसमें 'कटौती' की कोई सूचना नहीं है. ' इससे पहले, आज सुबह इस तरह की खबरें आई थी कि देश में कोरोना के मामलों में तेजी से हो रहे इजाफे के चलते कुंभ समाप्त घोषित किया जा सकता है. कुंभ में आज सबसे बड़ा स्नान था, इसके बाद अप्रैल माह में एक और स्नान है.
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कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच बैसाखी और मेष संक्रांति के पर्व पर महाकुंभ के तीसरे और मुख्य शाही स्नान में बुधवार को अखाड़ों के साधु-संतों ने मुख्य स्नान घाट ‘हर की पैड़ी' पर अपार उत्साह के साथ गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाई. पवित्र स्नान पर्व पर हरिद्वार और ऋषिकेश के विभिन्न गंगा घाटों पर लाखों की संख्या में आम श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर कुंभ का पुण्य लाभ कमाया. बुधवार तड़के स्नान का क्रम शुरू हो गया था. दोपहर 12 बजे तक करीब आठ-दस लाख लोग गंगा में डुबकी लगा चुके थे.
Uttarakhand: Sadhus participate in the third 'shahi snan' of #MahaKumbh at Har Ki Pauri ghat in Haridwar pic.twitter.com/rxGpAVqPGF
— ANI (@ANI) April 14, 2021
गौरतलब है कि हरिद्वार में मंगलवार को कोरोनावायरस के 594 नए मामले दर्ज किए गए. इसके साथ ही शहर में सक्रिय मरीजों की संख्या 2,812 पहुंच गई. सोमवार को हरिद्वार में 408 कोरोना के नए मरीज सामने आए थे. वहीं पूरे उत्तराखंड की बात करें तो पिछले 24 घंटे में 1925 मामले और 13 मौत दर्ज की गईं. बता दें, हरिद्वार में इस वक्त महाकुंभ चल रहा है. जहां एक ओर कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश में कहर मचाया हुआ है, वैक्सीन और अस्पतालों में बेड की कमी पड़ रही है, वहीं दूसरी ओर हरिद्वार में काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं.